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शंकराचार्य बोले; भाजपा नहीं साधु-संत बनाएंगे आयोध्या में राम मंदिर

जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने कहा भाजपा अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनाएगी। भाजपा की केंद्र में सरकार है और सरकारें मंदिर मस्जिद नहीं बनवातीं।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2016 05:01 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 06:58 PM (IST)

हरिद्वार, [जेएनएन]: जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने कहा भाजपा अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनाएगी। भाजपा की केंद्र में सरकार है और सरकारें मंदिर मस्जिद नहीं बनवातीं।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर तो हिंदू आस्था से जुड़ा है। राम मंदिर को साधु संत और इस देश की करोड़ों हिंदू जनता मिलकर बनवाएंगे। उन्होने किसी भी राजनीतिक दल को राम के नाम पर राजनीति करने से सचेत किया। कहा भगवान का नाम लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इसे राजनीति का विषय न बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि राम का नाम तो इस भवसागर से पार लगाता है। क्योंकि जब नेता मरेंगे तब भी राम नाम सत्य का ही नारा लगेगा। इसलिए राम को राजनीति में न घसीटा जाए।
गोरखपुर के सांसद व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत आदित्यानाथ को भाजपा की ओर से यूपी का सीएम प्रोजेक्ट करने के सवाल पर कहा यह भाजपा का अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा उनकी अपनी सीमा है। इस पर नहीं बोलेंगे।

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साईं न तो ईश्वर, न गुरु, न ही संत

साईं को भगवान न मानने पर महाराष्ट्र के शिरडी साईं ट्रस्ट की ओर से दर्ज मुकदमें पर गुरुवार को जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पलटवार किया। उन्होंने कहा उन्हें जेल भेजने पर खुद मुकदमें का जवाब मिल जाएगा।
शंकराचार्य ने कहा छत्तीसगढ़ के कबरदा में धर्मसंसद में सामूहिक रुप से प्रस्ताव पारित हुआ था। इसमें यह तय हुआ था कि साईं न तो भगवान हैं और न ही संत। उन्होंने कहा कि इस धर्मसंसद में वह अकेले नहीं थे। इसमें चारो मठों के शंकराचार्य, पुरी पीठ के वैष्णव आचार्य, 13 अखाड़े, काशी विद्यापीठ परिषद सहित बड़ी संख्या में देश के कई पीठों के संत मौजूद थे।

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इसके बावजूद उन पर अकेले ही क्यों मुकदमा दर्ज कराया गया। उन्होंने कहा कि उनके नाम का इस्तेमाल कर राजनीतिक व धार्मिक लाभ लेने की कोशिश लोग कर रहे हैं। यह उचित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि वह हिंदू धर्म गुरु हैं उन्होने साईं को भगवान न बताकर हिं धर्मावलंबियों को सही धर्म की दिशा देने का काम किया है। कोई अपराध नहीं किया है। तो फिर किस बात का मुकदमा।

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फिर हिंदू क्यों पूजते हैं
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि साईं आरती में खुद लिखा है कि साईं मोमेनवंशी अर्थात मुसलमान हैं। इसके बावजूद हिंदू उनकी पूजा क्यों करते हैं यह समझ से परे है। उन्होंने कहा साईं की प्रतिमा किसी अलग मंदिर में लगे उनको परहेज नहीं, लेकिन हिंदू देवी देवताओं के मंदिर में साईं का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। कहा लोग भगवान की पूजा करते हैं कि उनका इस लोक और परलोक में कल्याण हो जाए, लेकिन साईं तो मनुष्य हैं जो मर गए तो वे कहां से परलोक में किसी की सहायता करेंगे।

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