Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड: क्या खजाने से भी हटेगा 'लालबत्ती' का बोझ

भाजपा सरकार के मंत्रियों ने वाहनों से लालबत्ती का बोझ हटा दिया, लेकिन क्या सरकारी खजाने पर भी 'लालबत्ती' से पड़ने वाले बोझ हटेगा, ये सवाल सरकार के सामने है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 01:56 PM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 04:02 AM (IST)
उत्‍तराखंड: क्या खजाने से भी हटेगा 'लालबत्ती' का बोझ
उत्‍तराखंड: क्या खजाने से भी हटेगा 'लालबत्ती' का बोझ

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: केंद्र की मोदी सरकार के लालबत्ती हटाने के फैसले पर अमल करने में राज्य की भाजपा सरकार ने देरी नहीं लगाई, लेकिन अब यक्ष प्रश्न ये है कि क्या सरकार महानुभावों की लालबत्तियों की हसरत पूरा करने की चाह पर अंकुश लगा पाएगी? ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि उत्तराखंड में लालबत्तियों का मोह सत्तारूढ़ दल के भीतर उफान मारता रहा है और अंदरूनी असंतोष पर काबू करने को धड़ल्ले से लालबत्तियां बांटी जाती रही हैं। 

loksabha election banner

नई भाजपा सरकार से पहले निर्वाचित तीन सरकारों ने यही किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लालबत्ती पर प्रहार के बाद प्रचंड बहुमत से चौथी विधानसभा में पहुंची भाजपा सरकार के मंत्रियों ने वाहनों से लालबत्ती का बोझ हटा दिया, लेकिन क्या सरकारी खजाने पर भी 'लालबत्ती' से पड़ने वाले बोझ हटेगा, ये सवाल सरकार के सामने है।

खराब माली हालत और आमदनी के सीमित संसाधनों से जूझ रहे हिमालयी राज्य उत्तराखंड को विकास की जन अपेक्षाओं को पूरा करने में पाई-पाई का जुगाड़ करने में पसीना बहाना पड़ रहा है। लेकिन, जनता के पसीने की गाढ़ी कमाई सत्तारूढ़ दलों के महानुभावों की सियासी महत्वाकांक्षाओं की बलि चढ़ रही है। पिछली तीन निर्वाचित सरकारें इन महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगाने में विफल साबित हुई हैं। 

केंद्र सरकार ने जिस नीयत से सरकारी वाहनों से लालबत्तियों को हटाने का फैसला लिया है, उसके बाद राज्य की भाजपा सरकार पर भी केंद्र की मूल भावना के अनुरूप कदमताल का दबाव बढ़ गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत समेत राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने केंद्र के इस फैसले पर अमल करने में देरी नहीं लगाई है। सरकारी ओहदे बांटने में भी राज्य सरकार का यही रुख रहेगा, इस पर जनता की निगाहें टिकी हुई हैं। 

पिछली सरकार में ऑलटाइम रेकॉर्ड

राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार ने 16 साल के वक्फे में सरकारी ओहदे बांटने का रिकार्ड बना डाला। चुनाव आचार संहिता लागू होने से ऐन पहले तक ओहदे बांटे गए थे। राज्य से लेकर जिलों में इनकी संख्या 400 को भी पार कर गई थी। प्रदेश की पहली निर्वाचित एनडी तिवारी सरकार पर भी तकरीबन 200 लालबत्तियां बांटने के आरोप लगे थे। इसके बाद बनी भाजपा की पिछली सरकार के कार्यकाल में दायित्वधारियों की संख्या 100 तक पहुंच गई थी। पिछली हरीश रावत सरकार के 26 विधायकों में तकरीबन दर्जनभर तो संसदीय सचिव ही हैं। सिर्फ संसदीय सचिवों के स्टाफ पर मासिक खर्च 14 लाख से अधिक बैठा था। 

ऐसे लुटता है सरकारी खजाना: 

मानदेय: 

मंत्री दर्जा प्राप्त महानुभावों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह

राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त महानुभावों को 11 हजार रुपये प्रतिमाह

अन्य दायित्वधारी महानुभावों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह

वाहन:

-मंत्री दर्जाप्राप्त महानुभावों को सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं होने की दशा में मासिक किराया 40 हजार रुपये, राज्यमंत्री स्तर को 35 हजार रुपये। उक्त मासिक किराए में वाहन के साथ वाहन चालक, गाड़ी का अनुरक्षण और ईंधन खर्च शामिल।

अन्य सुविधाएं: 

-मुख्यालय से बाहर की यात्राओं के लिए 500 रुपये प्रतिदिन के मुताबिक दैनिक भत्ता, स्तर प्राप्त महानुभाव अपने यात्रा बिलों के लिए स्वयं नियंत्रक प्राधिकारी होंगे। प्रतिबंध सिर्फ ये है कि मंत्री स्तर प्राप्त को महीने में 20 दिन और राज्यमंत्री व अन्य दायित्वधारी एक माह में अधिकतम 15 दिन का यात्रा भत्ता मिलेगा।

-सरकारी आवास नहीं मिलने पर मंत्री स्तर प्राप्त महानुभावों को अधिकतम 10 हजार रुपये प्रतिमाह और राज्यमंत्री व अन्य दायित्वधारियों को चार हजार रुपये प्रतिमाह 

आवासीय भत्ता

-टेलीफोन (मोबाइल) की सुविधा के लिए प्रतिमाह एकमुश्त 2000 रुपये

-सरकारी उपलब्ध न होने पर संविदा पर एक संविदा पर एक वैयक्तिक सहायक 15 हजार प्रतिमाह, एक चतुर्थ श्रेणी दस हजार रुपये प्रतिमाह। 

-एक गनर की मुफ्त सुविधा।

-रेल यात्रा के लिए उच्चतम श्रेणी में एक बर्थ और वायुयान से यात्रा की स्थिति में एक सीट अनुमन्य। वायुयान से महीनेभर में अधिकतम दो यात्रा कर सकेंगे।

-यात्राओं के दौरान किसी किराये या विद्युत प्रभार का भुगतान किए बिना सर्किट हाउस या अन्य सरकारी निरीक्षण भवन में ठहरने की सुविधा।

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने अपने सरकारी वाहन से हटवाई लाल बत्ती

यह भी पढ़ें: कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने को बनी टीम राहुल में उत्तराखंड को भी जगह 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के सीएम बोले, सरकार की मंजिल भ्रष्टाचारमुक्त विकास


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.