कार्बेट नेशनल पार्क से लगे 47 होटलों पर लटकी पीसीबी की तलवार
कार्बेट नेशनल पार्क से सटे होटल और रिसोर्ट प्रदूषण नियंत्रण संबंधी मानकों को ठेंगा दिखा रहे हैं। इसे देखते हुए पीसीबी अब 47 अन्य होटलों को नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
देहरादून, [हरीश कंडारी]: विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क से सटे होटल और रिसोर्ट प्रदूषण नियंत्रण संबंधी मानकों को ठेंगा दिखा रहे हैं। वह भी तब, जबकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद जागे उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) पूर्व में 15 होटलों के बंदी के आदेश तक जारी किए थे। बावजूद इसके होटलों की ओर से सीवरेज, कूड़ा प्रबंधन एवं वायु प्रदूषण से संबंधित मानकों की अनदेखी की जा रही है। इसे देखते हुए पीसीबी अब 47 अन्य होटलों को नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
कार्बेट नेशनल पार्क के चारों तरफ 150 से अधिक होटल व रिसोर्ट हैं। वहां से रोजाना निकलने वाले सीवरेज और कूड़े के प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
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कहीं गंदगी जंगल में छोड़ी जा रही तो कहीं नदियों में। यही नहीं, जेनरेटरों का धुंआ पर्यावरण को दूषित कर रहा है। इस बीच एनजीटी ने प्रदूषण को लेकर सख्त रुख अपनाया तो पीसीबी भी हरकत में आ गया।
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इस कड़ी में पीसीबी ने पार्क से सटे ऐसे 75 होटल चिह्नित किए, जो प्रदूषण नियंत्रण संबंधी मानकों की अनदेखी कर रहे हैं। पीसीबी के वैज्ञानिक अधिकारी एसएस पाल के मुताबिक इनमें से 28 होटलों के खिलाफ प्रथम चरण में नोटिस भेजे गए। इनमें 15 होटलों को सील करने के आदेश भी हुए। हालांकि, बाद में दो को छोड़ शेष 26 ने मानक पूरे कर लिए। दो होटलों को सील करने के आदेश किए गए हैं।
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उन्होंने बताया कि चिह्नित होटलों में से शेष 47 को भी नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। ये होटल भी अगर सीवरेज, कूड़ा प्रबंधन व वायु प्रदूषण से संबंधित मानकों को पूरा नहीं करेंगे तो इन्हें सील करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी होटल व रिसॉट्र्स बोर्ड के रडार पर हैं और किसी को भी पर्यावरण को प्रदूषित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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