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    मैने आजादी की लड़ी लड़ाई, अब मुझे भुला बैठी कांग्रेस: एनडी

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sun, 18 Dec 2016 07:10 AM (IST)

    यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके वयोवृद्ध कांग्रेस नेता एनडी तिवारी राज्य सरकार की उपेक्षा से बेहद खिन्न हैं। कहा कि मैने आजादी की लड़ाई लड़ी, ...और पढ़ें

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    देहरादून, [जेएनएन]: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके वयोवृद्ध कांग्रेस नेता एनडी तिवारी राज्य सरकार की उपेक्षा से बेहद खिन्न हैं। आंखों से आंसू पोंछते हुए बोले 'मैंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। लाठी खाई, जेल भी गया। प्रदेश से लेकर देश तक की राजनीति की। प्रदेश में मेरे चाहने वाले आज भी कम नहीं हैं। कांग्रेस ने मुझे भुला दिया है। मैं आज भी एफआरआइ स्थित उसी आवास में रुकता हूं, जहां मुख्यमंत्री होने के दौरान रुका करता था'। इसके बाद उन्होंने 'स्वतंत्र भारत-स्वतंत्र भारत' देशभक्ति गीत भी गुनगुनाया।
    तिवारी पत्नी उज्ज्वला तिवारी और बेटे रोहित शेखर के साथ परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर उपनल कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे। सरकारी आवास छोड़ने के लिए मुद्दे पर बोले कि अभी 15 फरवरी तक का कोर्ट ने समय दिया है।

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    उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि कोर्ट इसमें शिथिलता बरतेगा। राज्य सरकार से हमारी नाराजगी है। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सरकार विशेष एक्ट क्यों नहीं ला रही। क्या पूर्व मुख्यमंत्री होना गुनाह है।
    एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तो यहां तक कह गए कि 'पिताजी का अपमान कर उत्तराखंड कांग्रेस ने अपनी कब्र खोद दी है। अब जितना अपमानित करेंगे, कब्र और गहरी होती चली जाएगी'।

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    रोहित बोले दो दिन पहले हल्द्वानी से हरिद्वार आगमन का प्रोटोकॉल प्रशासन को भेज दिया था, लेकिन गुरुवार रात नेपाली फार्म के पास फ्लीट नहीं मिलने से 10 से 11.30 बजे तक जंगल में खड़े रहे। हमारे कार चालक दिल्ली और लखनऊ के हैं। उन्हें यहां के रास्तों के बारे में जानकारी नहीं है। प्रशासन से बात की गई तो कहा कि फ्लीट नहीं है।
    उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री या अन्य गणमान्य लोगों के साथ ऐसा व्यवहार हुआ। रोहित शेखर ने कहा कि अब तो कांग्रेस के नेता तिवारी जी को मंचों से भी याद करने की जरूरत नहीं समझते। किसी फ्लैक्स पर उनकी फोटो नहीं है। बताइए, पिछले पांच साल में किस शिलान्यास में उन्हें बुलाया गया, स्टेडिएम के लोकार्पण का भी न्योता नहीं दिया।
    उन्होंने कहा कि राज्य के विकास की सारी नींव पिताजी की रखी हुई है, यूं ही नहीं जनता उन्हें विकास पुरुष कहती। एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पंडितजी के लिए अपनी कुर्सी छोड़कर खड़े हो जाते हैं, पूरा सम्मान करते हैं। वे हमें उत्तर प्रदेश में घर दे रहे हैं तो यहां की सरकार छीनने में लगी हुई है।

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    उन्होंने बरेली से पुल भट्टा तक पंडित नारायण दत्त तिवारी के नाम से राजमार्ग बना दिया। उत्तराखंड सरकार ने बागेश्वर से इस राजमार्ग नाम पिताजी के नाम पर नहीं किया, जबकि कई बार हम सभी ने सरकार से मांग की।
    तिवारी जी के आशीर्वाद से जीतेंगे उम्मीदवार
    रोहित शेखर ने कहा कि अब यह सरकार जाने वाली है। जनता को परेशान करने वालों को दोबारा सत्ता नसीब नहीं होगी। आगामी विधानसभा चुनाव में वही उम्मीदवार जीतेंगे, जिसके सिर पर पंडित नारायण दत्त तिवारी हाथ रख देंगे।
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