आठ दिन के होंगे नवरात्र, कलश स्थापना के लिए यह है शुभ मुहूर्त
इस बार भी नवरात्र आठ दिन के होंगे। अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन होगी। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त प्रात: 8 बजकर 25 मिनट से लेकर 10 बजकर 25 मिनट तक होगा।
By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 12:28 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 05:07 AM (IST)
रुड़की, [जेएनएन]: लगातार तीसरे वर्ष नवरात्र आठ दिन के होंगे। अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन होगी। मंगलवार को ही नवरात्र का प्रारंभ और समापन होगा। हालांकि तिथियों के घटने-बढ़ने से लोगों में असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है।
आइआइटी रुड़की परिसर स्थित सरस्वती मंदिर के पंडित राकेश कुमार शुक्ल के अनुसार स्थानीय पंचांग एवं निर्णय सिंधु तिथि चिंतामणि, देवी पुराण आदि के अनुसार 28 मार्च को ही कलश स्थापना होगी। क्योंकि 29 मार्च को प्रतिपदा तिथि प्रात:काल 5 बजकर 45 मिनट तक ही है। इसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी।
सूर्योदय प्रात:काल लगभग 6 बजकर 15 मिनट पर होगा। ऐसे में 28 मार्च को ही प्रथम नवरात्र होगा। इस बार मंगलवार से प्रारंभ होने वाले नवरात्र में मां दुर्गा का वाहन घोड़ा होगा। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त प्रात: 8 बजकर 25 मिनट से लेकर 10 बजकर 25 मिनट तक होगा।
अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल के अनुसार 28 मार्च को नवरात्र शुरू होने के साथ ही ङ्क्षहदू नवसंवत्सर प्रारंभ हो रहे हैं। ब्रह्मपुराण के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सूर्योदय के समय ही ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की थी। इसके अलावा सतयुग का आरंभ भी इसी दिन हुआ था।
शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना
शहर के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वैसे तो मंगलवार को दिनभर कलश स्थापना की जा सकती है, लेकिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करने से अधिक फल की प्राप्ति होती है। कलश स्थापना के साथ ही जौ भी बोने चाहिए।
जौ बौने की परंपरा सृष्टि से जुड़ी हुई है। जौ बोने से घर में वर्ष भर धन-धान्य एवं सुखी-समृद्धि का वास होता है। नवरात्र के दौरान उपवास करना, जो व्रत न करें उनके लिए सात्विक भोजन करना, शाकाहारी रहना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, भूमि शयन आदि नियमों का पालन करना चाहिए।
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