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पीएम नरेंद्र मोदी ने संभाला उत्तराखंड की ब्रांडिंग का मोर्चा

पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड के दर्द को पीएम नरेंद्र मोदी ने महसूस करते हुए उसके समाधान का रोडमैप भी सामने रखा। साथ ही उत्तराखंड की ब्रांडिंग में कसर नहीं छोड़ी।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 21 Oct 2017 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2017 10:54 PM (IST)
पीएम नरेंद्र मोदी ने संभाला उत्तराखंड की ब्रांडिंग का मोर्चा

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: पलायन के चलते उत्तराखंड के सैकड़ों गांवों जन शून्य हो चुके हैं तो सैकड़ों गांव ऐसे भी हैं जहां आबादी नाममात्र रह गई। लोगों के पर्वतीय गांवों को छोड़ने का सिलसिला अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी थम नहीं पाया है। ऐसे में पलायन का दंश झेल रहे सीमांत पर्वतीय राज्य को उस दिन का बेसब्री से इंतजार है जब उसका पानी और जवानी उसके अपने काम आ सके। राज्य के इस दर्द को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सिर्फ महसूस ही नहीं किया, बल्कि उसके समाधान का रोडमैप भी सामने रखा। 

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राज्य को पर्यटकों का चहेता स्थान बनाने, पर्यटन के जरिए राज्य की चहुंमुखी उन्नति का भरोसा देने के साथ मोदी ने जल, वन, जड़ी-बूटी के साथ ही हिमालय की विशिष्ट आध्यात्मिक चेतना को लेकर उत्तराखंड की ब्रांडिंग में कसर नहीं छोड़ी। वहीं सिक्किम की तर्ज पर ऑर्गेनिक स्टेट बनने के लिए उत्तराखंड को प्रेरित किया। 

देवों के देव महादेव की भूमि केदारनाथ से देश को नई दिशा देने का संकल्प लेने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमालयी क्षेत्र उत्तराखंड की समस्याओं और सरोकारों खासतौर पर पलायन और विकास को लेकर रोडमैप भी सामने रखा। 

आधुनिक तरीके से विकसित हो रही केदारपुरी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को बहुत फायदा होगा। केदारपुरी को नया रूप देने और ऑलवेदर रोड, चार धाम रेलवे नेटवर्क जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट हैं, जिनके बूते मोदी ने पलायन की समस्या से मुस्तैदी से निपटने का इरादा जता दिया। 

उन्होंने कहा कि 'पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नहीं आता', इस कहावत को बदलने का बीड़ा उठाया गया है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार की परियोजनाओं का जिक्र तो किया ही, साथ में इस हिमालयी क्षेत्र को उसकी सामथ्र्य की याद भी दिलाई। 

उन्होंने कहा कि वन संपदा पर शोध हो या जल स्रोत, या साहसिक पर्यटन, जड़ी-बूटी हर क्षेत्र में उत्तराखंड में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने उत्तराखंड से 2022 तक ऑर्गेनिक स्टेट बनने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कहा कि अभी दुनिया होलिस्टिक हेल्थ केयर की ओर चल रही है। ऐसे में रासायनिक खाद से मुंह मोड़कर उत्तराखंड में ऑर्गेनिक स्टेट बनने की सामथ्र्य है। इसके लिए उन्होंने राज्य के अफसरान से भी सहयोग मांगा।

पर्यटन की अपार संभावनाओं के लिए उन्होंने अनुशासन को जरूरी बताया तो सैनिक बहुल राज्य के तौर पर उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए सैनिकों सरीखे अनुशासन के साथ काम करने का संकल्प लेने पर जोर दिया।

मोदी ने थपथपाई सरकार की पीठ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार की पीठ भी थपथपाई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड दौरे में राज्य में गरीबों को रसोई गैस देने के लिए उज्ज्वला योजना, ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त करने की दिशा में उठाए जा रहे सरकार के कदमों को सराहा। 

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के कई अच्छे फैसले भी लिए हैं। उन्होंने बिजली से वंचित परिवारों को बिजली मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना में भी बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा उत्तराखंड से की।

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