उत्तराखंड में उछल सकता है पारा, एक अप्रैल से मिलेगी राहत
मौसम विभाग के मुताबिक स्थानीय कारकों के सक्रिय होने से सूबे में आंशिक रूप से बादल आ सकते हैं। इसके बावजूद तापमान में बढ़ोत्तरी होगी। अप्रैल माह से गर्मी से राहत की उम्मीद है।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में पारा भले ही स्थिर बना रहा, लेकिन इसमें फिर उछाल की संभावना बरकरार है। अलबत्ता, पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान उछला है। मौसम विभाग के मुताबिक स्थानीय कारकों के सक्रिय होने से सूबे में आंशिक रूप से बादल आ सकते हैं। चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ जनपदों में चोटियों पर कहीं-कहीं बहुत हल्की वर्षा अथवा गरज के साथ बौछार पड़ने की संभावना है। हालांकि, सब्सीडेंस के कारण मैदानी क्षेत्रों में पारा चढ़ सकता है।
इन दिनों मौसम खूब तेवर दिखा रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक उछलता पारा इसे तस्दीक करता है। सोमवार को तो मैदानी क्षेत्रों में पारा 33 से 37 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। देहरादून की ही बात करें तो अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री पहुंच गया, जो छह सालों में मार्च में सर्वाधिक था।
मंगलवार को इसमें मामूली कमी आई और तापमान रहा 35.2 डिग्री सेल्सियस। ऐसी ही स्थिति अन्य मैदानी क्षेत्रों की भी रही। अलबत्ता, पर्वतीय क्षेत्रों में पारा उछला। मुक्तेश्वर में यह सोमवार के मुकाबले 1.6 डिग्री उछलकर 27 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।
इधर, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि मैदानी इलाकों को पारे की उछाल से राहत के आसार नहीं हैं। पारे में एक से दो डिग्री सेल्सियस का उछाल आ सकता है।
इसकी वजह है सब्सीडेंस। यानी नीचे से गर्म हवा ऊपर की ओर उठ रही, लेकिन यह नीचे की तरफ दब रही है। इस स्थिति को सब्सीडेंस कहते हैं और पारे में उछाल का कारण भी यही है। 30 व 31 मार्च को सब्सीडेंस खत्म होने के आसार हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्थानीय कारकों के सक्रिय होने से बुधवार को आंशिक रूप से बादलों की मौजूदगी के बीच भीतरी तीन जनपदों में चोटियों पर बहुत हल्की से हल्की वर्षा हो सकती है।
एक से मिलेगी राहत
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि एक व दो अप्रैल को राज्य में अनेक स्थानों पर वर्षा की संभावना है। ऐसे में एक अप्रैल से गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। चार व पांच को फिर बारिश के आसार हैं। ऐसे में अपै्रल का पहला हफ्ता राहत भरा रहेगा।
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