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देहरादून में रची गई थी नाभा जेल ब्रेक की साजिश, दो गिरफ्तार

देहरादून पुलिस ने पंजाब की नाभा जेल से भागे आतंकियों के दो मददगारों को यहां से दबोचा है। खुलासे में पता लगा कि पूरी साजिश देहरादून में रची गई थी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 28 Nov 2016 03:27 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2016 07:00 AM (IST)
देहरादून में रची गई थी नाभा जेल ब्रेक की साजिश, दो गिरफ्तार

देहरादून, [जेएनएन]: पंजाब के नाभा जेल ब्रेक की साजिश उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रची गई थी। रविवार यूपी के शामली जिले में गिरफ्तार परमिंदर उर्फ गुरविंदर उर्फ पैंदा देहरादून में पिछले छह माह से रायपुर थाना क्षेत्र के डांडा लखौंड में किराए के मकान में शरण ले रखा था और नाभा जेल ब्रेक से पांच दिन पूर्व यहां से पंजाब के लिए रवाना हुआ था। पैंदा को देहरादून में शरण देने वाले शख्स की पत्नी और उसके नौकर को दून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों से पूछताछ के लिए पंजाब व यूपी पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी भी पहुंच गए हैं।
पंजाब की नाभा जेल से खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के के प्रमुख हरबिंदर सिंह उर्फ मिंटू व उसके चार साथियों को भगाने में परमिंदर उर्फ पैंदा ने अहम भूमिका निभाई है। यूपी के शामली जिले में पैंदा के गिरफ्तार होने के बाद हरकत आई तीन यूपी व पंजाब पुलिस के अधिकारी सोमवार सुबह होते-होते देहरादून पहुंच गए।

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यहां पुलिस टीम ने रायपुर के डांडा लखौंड में सिद्धार्थ लॉ कॉलेज के पास किराए के मकान में रह रहे सुनील पुत्र सुदर्शन अरोड़ा के घर पर छापा मारा। एसएसपी देहरादून डॉ.सदानंद दाते ने बताया कि सुनील ने ही परिमंदर को देहरादून में पिछले छह माह से शरण दे रखी थी। सुनील तो घर पर नहीं मिला, लेकिन उसकी पत्नी गीता व उसका नौकर आदित्य व उर्फ बिन्नी पुत्र राकेश मेहरा मूल निवासी 179 रेलवे कॉलोनी लुधियाना पंजाब को गिरफ्तार कर लिया गया।
मकान की तलाशी में दो लाख रुपये की नकदी के अलावा शस्त्र व बम बनाने का सामान भारी मात्रा में मिला। जिसमें एक प्लास्टिक के डिब्बे में 7.62 एमएम की 10 गोलियां, ड्राई सेल, लोहे की गोलियां, कई मोबाइल फोन, लोहे की रॉड, शस्त्रों की सफाई कर सामान, पेचकश, प्लास, इलेक्ट्रानिक कॉपैक्ट स्केल (वजन मापने के लिए) व ग्रीस आदि भी बरामद हुआ। इसके अलावा गाडिय़ों पर लगने वाले सादे नंबर प्लेट, भारत निर्वाचन आयोग का बिना प्रिंट किया हुआ सादा वोटर आइडी कार्ड व 123 बिना प्रिंट आधार कार्ड भी मिला है।

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पैंदा ने निभाया जेल में किया वादा
मार्च 2014 में पंजाब की नाभा जेल से फरार होने के बाद तकरीबन छह माह पहले देहरादून पहुंचा परमिंदर उर्फ पैंदा ने सुनील के घर पर शरण ली। दरअसल सुनील लुधियाना के चर्चित शिवानी मर्डर केस में नाभा जेल में बंद था। यहीं पर पैंदा और सुनील की मुलाकात दोस्ती में बदल गई। खालिस्तानी आतंकी हरमिंदर उर्फ मिंटू भी नाभा जेल में ही था, जहां तीनों की दोस्ती हुई। नाभा जेल के अस्पताल से फरार होने के दौरान इन दोनों मिंटू को जेल से भगाने का वादा किया था।
पैंदा की फंडिंग पर खुफिया एजेंसिसां अलर्ट
पैंदा देहरादून के डांडा लखौंड में रईसों के तरह रहता था। उसके पास लग्जरी गाडिय़ां थी और मकान में सुख-सुविधा के सारे साधन मौजूद थे। जबकि पैंदा और सुनील दोनों के पास आय का कोई निजी जरिया नहीं है। इसके बाद भी दो लाख रुपये की नकदी और तीन अन्य बैंक खातों में जमा लाखों रुपये के स्त्रोत ने खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। पंजाब और यूपी पुलिस की टीम के साथ बैंक खातों में आने वाले धन की जांच कर रही है।
जेल ब्रेक के बाद नेपाल भागने की थी योजना
परमिंदर उर्फ पैंदा ने जेल ब्रेक की फुलप्रूफ योजना बनाने के साथ देश से बाहर हो जाने की तैयारी कर रखी थी। पैंदा को शरण देने वालों से हुई पूछताछ में यह बात भी सामने आई है। नाभा जेल से फरार होने के बाद आतंकी पहले देहरादून आते, यहां सुनील के मकान में एक-दो दिन रुकने के बाद मौका देख बाजपुर के रास्ते नेपाल फरार होने की योजना थी।
पूरे राज्य में बढ़ाई गई सतर्कता
नाभा जेल से फरार तीन आतंकी और उन्हें भगाने वाले संदिग्ध अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह अभी भी पंजाब और उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों या पश्चिमी यूपी के किसी जिले में हो सकते हैं। इसे देखते हुए राजधानी देहरादून, हरिद्वार समेत पूरे उत्तराखंड में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इसके साथ सड़क मार्ग से गुजरने वाले वाहनों, रेलमार्ग व हवाई अड्डों के आसपास भी पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है।

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