गरीबी व माइग्रेशन के कारण नोएडा बना एचआइवी संक्रमण का केंद्र
दूर-दराज से आने वाले मजदूरों व कामगारों में एचआइवी संक्रमण के मामले ज्यादा रिपोर्ट किए जा रहे हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में एचआइवी के मामले दो गुना अधिक हैं।
नोएडा [धर्मेन्द्र मिश्रा]। सरकार भले ही ह्यूमन इम्युनोडिफीसिएंसी वायरस (एचआइवी) से होने वाले एक्वायर्ड इम्युनो डिफीसिएंसी सिंड्रोम (एड्स) के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन गरीबी व माइग्रेशन (नौकरी के लिए पलायन) एचआइवी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को पलीता लगा रहे हैं। जिले में दूर-दराज से आने वाले मजदूरों व कामगारों में एचआइवी संक्रमण के मामले ज्यादा रिपोर्ट किए जा रहे हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में एचआइवी के मामले दो गुना अधिक हैं।
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ डॉ. श्रीष जैन ने बताया कि वर्ष जनवरी 2017 से अब तक जिले में कुल 254 एचआइवी पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 459 मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है। इनमें से कुछ मरीज पूर्व वर्षों के हैं। वहीं जिला अस्पताल में इस बार 56 मरीज पॉजिटिव हैं।
जिला अस्पताल में चलने वाले आइसीटीसी में रिपोर्ट हुए एचआइवी के मरीज
वर्ष पुरुष महिला
2013 34 15
2014 65 30
2015 54 18
2016 36 20
2017 36 20
कुल-328, पुरुष- 225 महिला- 103
गरीबी व माइग्रेशन के कारण फैल रहा एड्स
इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आइसीटीसी) के मुताबिक जिला अस्पताल में रिपोर्ट किए गए कुल 328 एचआइवी पॉजिटिव मरीजों में यह बात निकलकर सामने आई है कि गरीबी व माइग्रेशन इस संक्रमण की मुख्य वजह हैं। इन एचआइवी पॉजिटिव मरीजों में झुग्गी-झोपड़ी, कांस्ट्रक्शन साइट्स के मजदूर व अन्य कामगार लोगों के अलावा ट्रांस जेंडर भी शामिल हैं।
देह व्यापार बड़ा कारण
काउंसलिंग में यह बात सामने आई है कि रोजी-रोटी चलाने के लिए यह लोग देह व्यापार करते हैं। दूर-दराज से आने वाले कामगार लंबे समय तक अपने घर नहीं जा पाते और असुरक्षित शारीरिक संबंध स्थापित कर लेते हैं। इनमें से अधिकांश जागरूकता के बावजूद निरोधक का इस्तेमाल नहीं करते। इन वजहों यह जिला एचआइवी संक्रमण का केंद्र बनता जा रहा है।
जांच व काउंसिलिंग से करते हैं परहेज
आइसीटीसी के काउंसलर मनोज कुमार ने बताया कि ऐसे लोग जानबूझकर अपनी काउंसिलिंग नहीं कराना चाहते। ट्रांस जेंडरों पर काम करने वाले बसेरा एनजीओ के रिजवान अंसारी ने बताया कि वह बड़े मुश्किल से लोगों को समझा-बुझाकर काउंसिलिंग के लिए अस्पताल लाते हैं।
डॉ. एचएम लवानिया के मुताबिक जांच में यह बात सामने आइ है कि गरीबी व माइग्रेशन संक्रमण की सबसे बड़ी वजह हैं। यह लोग असुरक्षित शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं। इससे एचआइवी फैलता है।
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