Move to Jagran APP

समाजवादी सत्ता के रथ के सारथी बने संगठन की आंखों में खटकने वाले

सपा का आला कमान भले सब ठीक होने का दम भरे पर उसकी आंखों में खटकने वाले ही विकास से विजय की ओर निकले रथ के सारथी रहे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 03 Nov 2016 08:15 PM (IST)Updated: Thu, 03 Nov 2016 11:29 PM (IST)

लखनऊ। (जेएनएन)। सपा का आला कमान भले सब ठीक होने का दम भरे पर उसकी आंखों में खटकने वाले ही विकास से विजय की ओर निकले रथ के सारथी रहे। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पार्टी से निकाल बाहर किए जाने वाले ही तय कर रहे कि रथ का पड़ाव कहां-कहां होगा तो मंच पर किनको जगह मिलेगी। झंडे-बैनर और पोस्टर से रास्ता पाट देने वाले नेताओं ने अखिलेश का वफादार साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी। सपा से बर्खास्त नेताओं से लेकर मंत्री व विधायक सभी भीड़ और वाहन लाने में जी जान लगा दिए थे। क्या उन्नाव क्या लखनऊ पार्टी में न होने हुए भी जिला संगठन हो या विधायक-मंत्री सभी सक्रिय रहे। पार्टी और प्रशासन का सुझाव सत्ता अथवा संगठन से बाहर वाले लोगों को तरजीह देने में रहा। यानी हो न हो सपा के अपने जो अब बाहरी हैं उन्हें पीछे पूरी सत्ता, संगठन और प्रशासन चल रहा है।

loksabha election banner

पढ़ें- मैं तो रथ पर निकल रहा हूं..आगे पार्टी और जनता जाने-अखिलेश

संगठन के पराए बने सत्ता के अपने

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच मतभेद के दौरान कुछ और सामने आया हो या न आया हो लेकिन टारगेट सामने जरूर आ गए। अमर सिंह और मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पार्टी व सत्ता के हिस्से अभी भी बने हैं जबकि शिवपाल के निशाने पर रहे संजय लाठर, सुनील सिंह, उदयवीर सिंह और आनंद भदौरिया सरीखे युवा नेताओं से पार्टी ने नाता तोड़ पराया बना दिया। इसी बीच मुख्यमंत्री ने विकास से विजय की ओर रथ यात्रा की शुरुआत करते हुए चुनावी शंखनाथ कर दिया। और उन्होंने यात्रा की कमान को उन्हीं हाथों में सौंप दी जिन्हें चाचा ने पार्टी से बाहर किया। पार्टी के भीतर हनक दिखाने के साथ यात्रा को ऐतिहासिक रूप देकर विपक्षियों को ताकत का अहसास कराने के लिए पार्टी के लिए 'बाहरी' हुए युवा नेताओं ने पूरा जोर लगाया।

पढ़ें- अखिलेश की रथयात्रा से दूर शिवपाल बोले, संगठन की तुलना सरकार से न करें

बाहर वालों के साथ सब अंदर वाले

लखनऊ से चलकर उन्नाव पहुंचने पर रथयात्रा की तैयारियों से लेकर उसकी सफलता तक की बागडोर एमएलसी संजय लाठर, सुनील सिंह साजन, उदयवीर सिंह, आनंद भदौरिया के हाथों में रह रही तो तैयारियों की मानीटरिंग का जिम्मा एमएलसी एसआरएस यादव और राजेंद्र चौधरी का रहा। मुख्यमंत्री के काफिले के आगे व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के साथ सभा स्थल के बंदोबस्त भी संजय लाठर, सुनील सिंह, उदयवीरऔर आनंद भदौरिया की सरपरस्ती में हुए। ये वो नाम हैं जिनको सपा प्रदेश अध्यक्ष ने बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने खुद ने इन्हीं चारों को पूरे कार्यक्रम का प्रभारी बनाने के साथ ही दो दर्जन से अधिक यूथ नेताओं को कार्यक्रम की मुख्य बागडोर सौंपी है। जिनके आगे पीछे पूरे प्रशासन और खुद पार्टी का संगठन दौड़ता रहा।

देखें तस्वीरें : अखिलेश यादव की विकास से विजय की ओर यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

ताकत दिखाने की लगी थी होड़

झंडे-बैनर और पोस्टर से लोहिया पथ को पाट देने वाले नेताओं ने अखिलेश को वफादार साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सपा से बर्खास्त नेताओं से लेकर मंत्री व विधायक सभी भीड़ और वाहन लाने में जी जान लगा दिए थे। प्रोफेसर राम गोपाल यादव के पुत्र और सपा सांसद अक्षय यादव की ओर से सफेद बैनर पर अखिलेश को शुभकामना दी गयी थी तो बर्खास्त समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव ने भी ऐसे ही बैनर लगवाए थे। प्रदेश सरकार के मंत्री राजेन्द्र चौधरी यात्रा के प्रबंधन में सक्रिय थे तो बर्खास्त एमएलसी आनन्द भदौरिया से लेकर संतोष यादव सभी मंच और उसके आसपास मौजूद थे। मंच पर मुलायम के पुराने सहयोगी बलराम यादव से लेकर नई पीढ़ी के लोग भी अपने लिए स्थान तलाश लिए थे। मंत्री राममूर्ति वर्मा आए तो पत्रकारों से दावा करने लगे कि बीस हजार की भीड़ लेकर आया हूं। कुछ सपाइयों ने ही उनकी ओर हैरत भरी निगाहों से देखा। नौ बजते-बजते मैदान भर गया। कुर्सियां भर जाने से कई विधायक और प्रमुख लोग वापस चौराहे की ओर आ गये। उन्हें मुख्यमंत्री को शक्ल दिखाने की चिंता थी और दलील यह कि रथ तो इधर से ही गुजरेगा। सीएम आवास जाने वाले पांच कालिदास मार्ग का मुख्य द्वार सुबह ही बंद कर दिया गया था। राजीव चौक पर मुख्यमंत्री को शक्ल दिखाने के चक्कर में ठसाठस भीड़ आ गयी। रथ निकलने से पहले डीआइजी प्रवीण कुमार और एसएसपी मंजिल सैनी को इस चौराहे पर आकर मोर्चा संभालना पड़ा।

सरकारी मशीनरी दिखी सक्रिय

सुबह ही प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा और डीजीपी जावीद अहमद ने पांच कालिदास मार्ग से लेकर लामार्टिनियर ग्राउंड का मुआयना किया। इस दौरान एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने पूरी व्यवस्था पर नजर रखी।

अखिलेश की तस्वीर लगी टी-शर्ट और नारे

उमड़ी भीड़ के बीच सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र अखिलेश की तस्वीर लगी टी-शर्ट पहने युवा थे। कई तरह की टी-शर्ट थी। इनमें अतुल प्रधान की ओर से भी बनवाई गयी टी-शर्ट थी जिस पर जय अखिलेश लिखा था। युवा अखिलेश के समर्थन में लयबद्ध नारे लगा रहे थे। कुछ युवा घोड़े पर आए जिन्हें वापस लौटा दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.