विधानसभा में गूंजा आजमगढ़ जहरीली शराब कांड, दो-दो लाख रुपया मुआवजा
आजमगढ़ जहरीली शराब कांड पर सरकार ने विधानसभा में 28 के बजाय 15 मौत की बात स्वीकार कर पीडि़तों को दो-दो लाख राहत राशि की घोषणा की।
लखनऊ (जेएनएन)। विधानसभा में दूसरे दिन बुधवार को आजमगढ़ जिले का जहरीली शराब कांड गूंजा। सरकार ने 28 के बजाय मात्र 15 मौत होने की बात स्वीकारते हुए पीडि़त परिवारों को दो-दो लाख रुपये राहत राशि देने की घोषणा की। साथ ही कैबिनेट मंत्री के नेतृत्व में एक टीम के गुरुवार को मौके पर जाने और पीडि़त परिवारों से मिलने की बात भी कही। प्रश्नकाल के बाद नियम-56 के तहत बसपा के सुखदेव राजभर द्वारा जहरीली शराब कांड को उठाया गया। सरकार की अनदेखी पर सवाल उठाते हुए मानवता के आधार पर पीडि़त परिवारों की मदद का आग्रह किया। उनका कहना था कि केवल सिपाही स्तर के कर्मचारियों को निलंबित कर देने से इस गंभीर समस्या का समाधान न होगा। बसपा की वंदना सिंह का कहना था कि यह पूरा मामला उनके क्षेत्र से जुड़ा है। गरीबों की मदद के बजाय प्रशासन उत्पीडऩ कर रहा हैं। भावुक अंदाज में उन्होंने शराब से मरे गरीब लोगों के परिवारों की व्यथा को बयां किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी पीडि़त परिवारों से मौत होने की वजह हृदयाघात लिखवाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
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कांग्रेस दलनेता अजय कुमार लल्लू और आराधना मिश्रा मोना ने जहरीली शराब से मौतों की घटनाएं बढऩे का आरोप लगाते हुए शराबबंदी की मांग की। सपा के दुर्गाप्रसाद ने भी पीडि़तों को राहत देने की मांग की। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पीडितों को दो-दो लाख रुपये राहतराशि दी जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि जहरीली शराब से सिर्फ 15 मौतें हुई हैं। इस दौरान हुई संदिग्ध मौतों में शवों का पोस्टमार्टम कराकर बिसरा सुरक्षित कराया गया। घटना के तुरंत बाद सरकार ने फौरी कार्रवाई करके दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। आबकारी विभाग के कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की है, एडीएम से जांच भी कराई जा रही है।
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पकड़े गए आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट
संसदीय कार्यमंत्री खन्ना ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया है। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने मौतों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया। वहीं बसपा के सुखदेव राजभर ने मौतों पर सरकार के उत्तर को विरोधाभासी बताते हुए अधिकारियों पर मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग उठायी तो संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को एडीएम की जांच पर भरोसा करना चाहिए, सरकार कोई तथ्य छिपाना नहीं चाहती है।