Move to Jagran APP

मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा

सुप्रीम कोर्ट के कल आदेश के बाद लखनऊ के वीआइपी क्षेत्र माना जाने वाले गौतम पल्ली थाना में आज शाम को गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट 3/4 में मामला दर्ज किया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2017 10:10 PM (IST)
मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा
मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा

लखनऊ (जेएनएन)। लंबे समय से बच रहे कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ आज लखनऊ में मामला दर्ज हो गया है। प्रजापति के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म के साथ ही वीडियो बनाने का मामला भी दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के कल आदेश के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कई दलों ने गायत्री प्रजापति के दुष्कर्म के मामले को मुद्दा बना लिया था। लखनऊ के वीआइपी क्षेत्र माना जाने वाले गौतम पल्ली थाना में आज शाम को गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि अब अमेठी से सत्ताधारी दल के कैंडीडेट प्रजापति की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें- यूपी चुनाव: गायत्री प्रसाद ने कहा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका तो भाजपा की साजिश

ब्लैकमेल कर कई दिन यौन शोषण

प्रजापति के खिलाफ गौतम पल्ली थाना में क्राइम नंबर 29-17 में मामला दर्ज किया गया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ ही पांच लोगों के खिलाफ आइपीसी धारा 511, 376 डी तथा पॉक्सो एक्ट 3/4 में मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि एक महिला ने आरोप लगाया था कि वह तीन साल पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति से मिली थी उस समय उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप किया था और कुछ तस्वीरें उतार ली थीं। इसके बाद ब्लैकमेल कर और कई दिनों तक यौन शोषण करता रहा। गायत्री प्रसाद प्रजापति चार साल अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं और इस दौरान उन पर अवैध खनन का भी आरोप लगा।

यह भी पढ़ें- गैंगरेप मामले में गायत्री प्रजापति के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश

क्या है पॉक्सो

‘पॉक्सो’ अंग्रेजी भाषा का संक्षिप्त शब्द है जिसका पूर्ण अर्थ ‘प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फार्म सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012’ होता है। यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012। इस एक्ट के अनुसार, नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है और यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अमल में लाया गया। इस एक्ट की धारा 3 के तहत पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट को भी परिभाषित किया गया है। इसमें बच्चे के शरीर के साथ किसी भी तरह की हरकत करने वाले शख्स को कड़ी सजा का प्रावधान है। धारा 4 के तहत वो मामले शामिल किए जाते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म या कुकर्म किया गया हो। इसमें सात साल की सजा से लेकर उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान है। पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के अधीन वे मामले लाए जाते हैं जिनमें बच्चों को दुष्कर्म या कुकर्म के बाद गम्भीर चोट पहुंचाई गई हो।

यह भी पढ़ें- UP Election 2017 : कुनबे की कलह और जातीय जंजीरों की जकड़ चुनावी मुद्दा

उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान

आरोप साबित हो जाने पर आरोपी पर दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। धारा 7 और 8 के तहत वो मामले आते हैं जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है। आरोप साबित होने के बाद पांच से सात साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आ जाता है। इस कानून में लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस कानून के तहत पंजीकृत होने वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में होती है।

यह भी पढ़ें- सपा में अखिलेश को दूसरा झटका, गायत्री बने राष्ट्रीय सचिव

जांच में आरोप गलत पाया गया था

गायत्री प्रसाद प्रजापति ने फोन पर बताया कि साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है। शुरूआत से ही उनपर लगातार आरोप लगते रहे हैं। कई मामलों में वह बरी भी हो चुके हैं। यह मामला भी तीन साल पुराना है, जिसकी जांच सीबीसीआइडी कर चुकी है। जांच में आरोप गलत पाया गया था। फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान है। मेरा भी जांच में पूरा सहयोग रहेगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि अमेठी की जनता उनकी सच्चाई को भली भांति जानती है। चुनाव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

यह भी पढ़ें- UP Assembly Election: मंत्री-अफसरों की मिलीभगत से निष्पक्ष चुनाव में खतरा

बिसौली सपा विधायक पर मुकदमा

बदायूं के बिसौली से सपा विधायक आशुतोष मौर्य और ब्लॉक प्रमुख पति रामवीर यादव समेत दर्जनभर लोगों के खिलाफ एससी एक्ट और गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमा मतदान वाले दिन हुए पथराव व जानलेवा हमले के खिलाफ दर्ज कराया गया है। सपा विधायक आशुतोष मौर्य बिसौली सीट से सपा उम्मीदवार हैं। वहीं पूर्व विधायक योगेंद्र सागर के पुत्र कुशाग्र सागर इसी सीट पर भाजपा के प्रत्याशी हैं। 15 फरवरी को मतदान के दिन गांव कालूपुर में पूर्व विधायक योंगेंद्र सागर पर जानलेवा हमला और उनकी गाड़ी पर पथराव हुआ था। मामले में भाजपा प्रत्याशी के एजेंट ओमकिशन की ओर से सपा विधायक व प्रत्याशी आशुतोष मौर्य, ब्लॉक प्रमुख पति रामवीर यादव, उनके भतीजे वीरेश यादव, महावीर यादव समेत करीब दर्जन भर लोगों के खिलाफ धारा 147, 323, 504, 336 और एससी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि इसी मामले में कालूपुर निवासी ओमपाल की ओर से दो दिन पहले ही मंत्री गेंदनलाल मौर्य, पूर्व विधायक योंगेंद्र कुमार सागर समेत दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.