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मेट्रो ट्रायल रन पायलट बोली-सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में काम करना अच्छा लगा

लखनऊ मेंट्रो की पहली आपरेटर प्रतिभा यादव व प्राची शर्मा का कहना है कि वह इस बात से बेहद खुश थी कि मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने में सहयोग कर रही थीं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 10:12 PM (IST)
मेट्रो ट्रायल रन पायलट बोली-सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में काम करना अच्छा लगा

लखनऊ (जेएनएन)। लखनऊ मेट्रो का ट्रायल गुरुवार को शुरू हो गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। वह स्वयं इसकी शुरुआत कर रहे थे। ऐसे में उनका उत्साह तो वाजिब था ही, लेकिन उनके ख्वाबों की तामीर की जिम्मेदारी जिन दोनों महिला ट्रेन ऑपरेटरों पर थीं उनका उत्साह भी कम नहीं था। उनका कहना है कि वह इस बात से बेहद खुश थी कि मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने में सहयोग कर रही थीं। प्रतिभा यादव व प्राची शर्मा ने शुक्रवार को यह बात जागरण से साझा की। मौका था मेट्रो द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस का। इस मौके पर सभी स्टेशन कंट्रोलर व ट्रेन आपरेटर के साथ कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट प्रेस से मुखातिब थे।

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Metro Trial Run : सपनों की मेट्रो के पहले मुसाफिर मुख्यमंत्री अखिलेश

इलाहाबाद निवासी प्रतिभा ने बीटेक की डिग्री बरेली स्थित इंजीनियङ्क्षरग कालेज से प्राप्त की है। प्रतिभा साफगोई से कहती हैं कि उन्होंने कभी स्कूटी तक नहीं चलाई है। वह खुश हैं कि मेट्रो के फस्र्ट बैच में शामिल हैं। उसे भविष्य काफी उज्ज्वल नजर आ रहा है। प्रतिभा बताती है कि वह हमेशा से सरकारी नौकरी करना चाहती थी। लखनऊ मेट्रो से जुडऩे को अपना भाग्य मानती हैं। वह बताती हैं कि बीटेक करते समय जब उन्हें गाजियाबाद जाने का मौका मिला तो वह पहली बार दिल्ली मेट्रो पर सवार हुई थीं। उनका वह सफर यादगार था, लेकिन उस समय यह नहीं सोचा था कि वह एक दिन खुद मेट्रो दौड़ाएंगी।

दूसरी ट्रेन आपरेटर प्राची शर्मा मीरजापुर की रहने वाली हैं। उन्होंने इलाहाबाद से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स में डिप्लोमा किया है। प्राची बताती हैं कि करीब एक माह पहले उसे और प्रतिभा को यह बताया गया था कि मेट्रो के उद्घाटन वाले दिन उन्हें ही गाड़ी चलानी है। यह एक सुखद अनुभव था। कारण यह है हमेशा ही कुछ अलग करने की इच्छा रही थी, ऐसे में मुख्यमंत्री से चाबी लेकर ट्रैक पर गाड़ी दौड़ाना अपने आप में विशेष अनुभव था। वह बताती हैं कि जब से दोस्तों व अन्य लोगों को यह बात पता चली है कि मैंने पहली बार मेट्रो को ड्राइव किया लगातार बधाई संदेश आ रहे हैं। दोस्तों के तो सवाल खत्म नहीं हो रहे यहां तक कि पुराने टीचर्स भी काफी खुश हैं। माता-पिता की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं है।

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लखनऊ वालों के लिए चलाऊंगी मेट्रो

राजधानी निवासी कल्पना की हमेशा से इच्छा रही थी कि शहरवासियों के लिए कुछ कर सकूं। उसे खुशी है कि लखनऊ वालों को मेट्रो की सवारी कराऊंगी। कल्पना के पिता छोटे लाल स्टेट बैंक में सीनियर मैनेजर हैं और मां मंजू वर्मा गृहणी। वह कहती हैं कि हर रोज स्कूटी से आती-जाती हूं अब मेट्रो चलाऊंगी।

बहुत सुंदर दिखता शहर

प्रतिभा बताती हैं कि शाम साढ़े चार बजे तक डिपो से मवइया तक मेट्रो चलाती रहीं। वह कहती है कि शहर की सड़कों पर तो हम चलते रहे थे, लेकिन ऊपर से भी शहर बहुत सुंदर दिख रहा था।

पहले सफर के लिए दोस्त तैयार

लखनऊ में पली-बढ़ी कल्पना बताती हैं कि मेरे सभी दोस्त इस बात की तैयारी में हैं कि जब मेट्रो स्टार्ट होगी वह तब सफर करेंगे जिस दिन मैं ड्राइव करूंगी।

मेट्रो युवाओं के लिए जॉब भी लाई

पंजाब के धर्मेंद्रकुमार जो कि मेट्रो में कस्टमर रिलेशन असिसटेंट हैं बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट ने युवाओं के लिए रोजगार के भी सुनहरे अवसर उपलब्ध कराएं हैं। उनका काम स्टेशन पर यह सुनिश्चत करना है कि किसी भी यात्री को किसी तरह की दिक्कत पेश न आए और वह सब इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।


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