सपा एमएलसी अम्बिका चौधरी और अशोक वाजपेई का इस्तीफा
समाजवादी पार्टी के अशोक बाजपेयी और बसपा के अंबिका चौधरी ने भी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के अशोक बाजपेयी और बसपा के अंबिका चौधरी ने भी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अंबिका को सपा ने ही विधान परिषद में नामित किया था लेकिन, विधान सभा चुनाव से पहले वह बसपा में चले गए थे। नैतिकता का हवाला देकर उन्होंने सदस्यता छोड़ दी जबकि, अशोक बाजपेयी ने सपा में घुटन और नेताजी व शिवपाल की उपेक्षा का आरोप लगाकर त्याग पत्र सौंपा। इसके पहले सपा के चार और बसपा के एक सदस्य ने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था।
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बाजपेयी का इस्तीफा स्वीकार
आज बारह बजते-बजते पूर्व मंत्री अशोक बाजपेयी विधान परिषद सभापति के कक्ष में पहुंचे और उन्होंने इस्तीफे की घोषणा की। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के मौजूद न होने से उन्होंने विशेष सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा। अशोक बाजपेयी 31 जनवरी 2015 को विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए थे। सभापति रमेश यादव ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।प्रमुख सचिव विधान परिषद मोहन यादव ने बताया कि सभापति ने आज ही बाजपेयी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही विधान परिषद में बाजपेयी का स्थान बुधवार, नौ अगस्त से रिक्त हो गया है।
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कुनबे की कलह में सपा छोड़ी थी
अंबिका चौधरी मई, 2012 में सपा से विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। समाजवादी कुनबे की कलह के बीच उन्होंने वर्ष 2017 में सपा छोड़ दी। वह बसपा के टिकट पर बलिया जिले की फेफना विधानसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन, हार गए। बुधवार को चौधरी शाम चार बजे विधान परिषद सभापति के कक्ष में पहुंचे। सभापति के मौजूद न होने पर उन्होंने प्रमुख सचिव, विधान परिषद मोहन यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
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