Cabinet approval: राज्य भूजल संरक्षण मिशन की गाइड लाइन को मंजूरी
प्रदेश कैबिनेट ने राज्य भूजल संरक्षण मिशन परियोजना के मार्गदर्शी सिद्धांत (गाइड लाइन) को मंजूरी दे दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश में भूजल स्तर की गिरावट रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गुरुवार को कैबिनेट ने राज्य भूजल संरक्षण मिशन परियोजना के मार्गदर्शी सिद्धांत (गाइड लाइन) को मंजूरी दे दी है। इसमें भूगर्भ जल विभाग की संचालित सभी योजनाओं को शामिल किया गया है। सरकार ने इसके लिए 22 शहरों के 271 विकास खंडों को चयनित किया है। इस वित्तीय वर्ष में 25 विकास खंडों में यह परियोजना संचालित होगी।
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सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि भूजल का अधिकाधिक उपयोग हो रहा है। सिंचाई से लेकर पेयजल में भूजल का ही प्रयोग किया जा रहा है। भूजल संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं चल रही हैं। इस मिशन में सभी का समन्वय करना है। इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में विदेशी कंपनी की मदद ली गई है। प्रवक्ता के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष में जो 25 विकास खंड योजना संचालित करने के लिए चयनित किए गए हैं उनमें बुंदेलखंड के पांच, पूर्वी उत्तर प्रदेश के सात और पश्चिमी उप्र के 13 विकास खंड शामिल हैं। यहां भूजल रीचार्ज मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए वर्कशॉप आयोजित किया जाएगा। इसमें मनरेगा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई, राष्ट्र कृषि विकास योजना और बुंदेलखंड पैकेज के समन्वय से इसमें चेकडैम निर्माण से लेकर कई प्रमुख योजनाओ को शामिल किया गया है।
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मंत्री ने बताया कि इसके लिए पानी पंचायत, भूजल सेना, सामाजिक स्थानीय संगठनों का भी सहयोग लेंगे। मिशन के लिए इन सभी को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मिशन की सफलता को जन सहभागिता से जोड़ेंगे। इसको व्यापक स्वरूप देने के लिए जिलों में डीएम की अध्यक्षता में मानीटरिंग कमेटी बनेगी जबकि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी इसकी समीक्षा करेगी।
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