कानपुर मे फिर हादसे से बची गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस
गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस हादसे का शिकार होने से बच गई। सेट्रल स्टेशन पर जांच के दौरान स्लीपर कोच (एस-4) की स्पि्रंग टूटी मिली। आनन-फानन यात्रियो को दूसरे कोच मे शिफ्ट किया गया।
कानपुर (जेएनएन)। गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस हादसे का शिकार होने से बच गई। सेट्रल स्टेशन पर जांच के दौरान स्लीपर कोच (एस-4) की स्पि्रंग टूटी मिली। इस पर आनन-फानन कोच को अलग कर यात्रियो को दूसरे कोच मे शिफ्ट किया गया। यात्रियो ने बताया कि सफर के दौरान कोच से तेज आवाज आ रही थी। दूसरे कोच मे सीट नही मिलने पर यात्रियो ने हंगामा किया। रेल अधिकारियो ने उन्हे किसी तरह शांत कराया। इसके चलते ट्रेन करीब ढाई घंटे स्टेशन पर खड़ी रही।
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सेट्रल स्टेशन पर दोपहर 3.08 बजे गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस प्लेटफार्म चार पर पहुंची। रेल अधिकारियो के मुताबिक तकनीकी दल ने जांच के दौरान एलएचबी बोगी एस-4 (14361/30) की स्पि्रंग टूटी देखी। आनन-फानन मे कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। इंजीनिय¨रग विभाग के लोग पहुंचे। स्टेशन अधीक्षक आरपीएन त्रिवेदी, सीआइटी दिवाकर तिवारी, गोपाल गुप्ता समेत चेकिंग स्टाफ पहुंच गया। जांच के बाद बोगी को अलग करने का फैसला लिया गया। बोगी मे 80 यात्री और आरएसी के तीन यात्री थे। यात्रियो को दूसरी बोगी मे शिफ्ट किया जाने लगा तो कंफर्म सीट नही मिलने पर उन्होने हंगामा किया।
यह भी पढ़ें: UP Election : लखनऊ में साझा रोड शो करेंगे अखिलेश यादव व राहुल गांधी यात्री अमित झा, जितेन्द्र कुमार, रामप्रवेश, गुड्डू आदि का कहना था कि उनके साथ परिवार है। अब दूसरी बोगी मे भेजा जा रहा है, जहां सीट नही मिल रही है। उनका कहना था कि सफर के दौरान बोगी से आवाज आ रही थी। यात्रियो को अधिकारियो ने समझाकर शांत कराया। रेल अधिकारियो का कहना था कि सफर के दौरान सीट खाली होने पर प्राथमिकता के आधार पर उन्हे सीट दी जाएगी। सीट नही मिलने पर दो दर्जन से ज्यादा यात्रियो ने टिकट कैसिल करा यात्रा रद कर दी। ट्रेन को शाम 5.25 बजे रवाना किया जा सका। बताते चले कि हाल के दिनो मे एलएचबी कोच की स्पि्रंग टूटने के तीन मामले सामने आ चुके है। इससे पहले भुवनेश्वर व सियालदह राजधानी मे स्पि्रंग टूटी पाई गई थी।
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रेलवे अफसर का कहना है कि रेल हादसो के बाद ट्रेनो की जांच गंभीरता से की जा रही है। जांच के दौरान गड़बड़ी सामने आ गई। टूटी स्पि्रंग पर नजर नही पड़ती तो हादसे से इन्कार नही किया जा सकता है। पटरी बदलने के दौरान ट्रेन कही भी पलट सकती थी। अधिकारी यात्रियो से यह कहते नजर आए कि गनीमत रही कि स्पि्रंग के टूटे होने का पता चल गया, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी। हंगामे के दौरान जीआरपी इंस्पेक्टर सतीश गौतम, आरपीएफ जवान भी पहुंच गए।
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