दरगाह पर नए गठबंधन का ताना-बाना
जागरण संवाददाता, बरेली: दरगाह आला हजरत पर नए सियासी गठबंधन का तानाबाना बुना गया। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के सलाहकार एवं आइएमसी सुप्रीमो मौलाना तौकीर रजा खां के घर आकर उनसे दिल्ली विधानसभा चुनाव में साथ मांगा। वह भी सपा के बगैर। मौलाना ने यह कहते हुए हां कर दी कि गठबंधन की मर्यादा में रहते हुए कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे। दिल्ली जाकर प्रचार करेंगे।
शुक्रवार की दोपहर आइएमसी की तरफ से चौंकाने वाली खबर आई। वह यह कि केजरीवाल मौलाना तौकीर रजा खां से मिलने दरगाह आला हजरत स्थित उनके घर आ रहे हैं। यह नहीं बताया गया, क्यों आ रहे हैं? सूचना 'आप' की स्थानीय इकाई को भी नहीं थी। इस बात का खुलासा खुद केजरीवाल ने किया। बताया कि मौलाना से मिलने उनकी शख्सियत की बुनियाद पर आया हूं। बेईमानी और भ्रष्टाचार को लेकर लड़ी जा रही लड़ाई में साथ मांगा है। चुनाव प्रचार के लिए मौलाना ने हां कर दी है। सपा समेत दूसरे सभी क्षेत्रीय दलों से हमारा कोई चुनावी गठबंधन नहीं होने जा रहा।
जब इस बाबत पत्रकारों ने मौलाना से सवाल किया तो उनका जवाब था-अन्ना हजारे के आंदोलन से लेकर अब तक केजरीवाल को पसंद किया है। कुछ शुबह था, जो आज दूर हो गया। बीजेपी और कांग्रेस को अलग रखते हुए तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयास हो रहे हैं। सेकुलर रास्ता तलाशा जा रहा है। इन्होंने दावत दी है, मैं दिल्ली जाऊंगा। सपा से गठबंधन है, जिसकी मर्यादा में रहते हुए कोई न कोई रास्ता निकल आएगा। केजरीवाल ने कहा कि हम किसी तीसरे मोर्चे में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगे पर कहा कि यह सियासी लाभ के लिए कराया गया है। मौलाना ने भी साफ कर दिया, सरकार में शामिल हैं, लेकिन हमारी पहचान ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल से है। यह कहना गलत है, हम सपा के हैं। केजरीवाल ने बाद में दरगाह आला हजरत पर हाजिरी देकर मौलाना के साथ के अलावा दिल्ली में सरकार बनने के लिए दुआ भी मांगी। पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना कल्बे रुशैद भी साथ थे।
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