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बीमारी से भुखमरी के कगार पर परिवार

हसनपुर : हाल ही में शिक्षक सम्मान समारोह कर लाखों रुपये बहाने वाले सांसद चौधरी कंवर ¨सह

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Sep 2017 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 25 Sep 2017 03:01 AM (IST)
बीमारी से भुखमरी के कगार पर परिवार
बीमारी से भुखमरी के कगार पर परिवार

हसनपुर : हाल ही में शिक्षक सम्मान समारोह कर लाखों रुपये बहाने वाले सांसद चौधरी कंवर ¨सह तंवर के लोकसभा क्षेत्र एवं कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के जिले के हसनपुर कस्बे में गंभीर बीमारी से जूझ रहा एक परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है। इस परिवार की मदद के लिए लिए किसी का दिल नहीं पसीजा है।

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पत्नी लंबी बीमारी के बाद इलाज के अभाव में नेत्रहीन हो चुकी है। बेटी दिमागी बुखार के बाद कोमा में पहुंचकर इलाज को पैसे के अभाव में घर में बेहोशी की हालत में सांस पूरी कर रही है। घर में मौजूद जमा पूंजी पत्नी व बेटी के इलाज में खर्च करने के बाद गृह स्वामी का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है।

मुहल्ला कायस्थान निवासी राजीव सैनी का परिवार गरीबी में दो जून की रोटी के लिए दूसरों पर निर्भर हो चुका है। परिवार में पत्नी राकेश देवी के अलावा बेटी अंजली (20), प्रिया व प्रियंका (17) जुड़वा बहनें हैं। राजीव घर के पास परचून की दुकान चलाकर परिवार को दो जून की रोटी का इंतजाम करता था। 6 साल पहले उसकी पत्नी बीमार हुई, उसका मेरठ, ऋषिकेश, मुरादाबाद व दिल्ली तक इलाज कराने के बावजूद भी आंखों की रोशनी चली गई। 3 माह पहले बेटी प्रिया को बुखार आया उसको भी हसनपुर से लेकर दिल्ली तक दिखाया परंतु दिमागी बुखार से ग्रस्त होने के चलते कोमा में चली गई है। गरीबी के चलते इलाज के अभाव घर पर ही चारपाई पर पड़ी सांस पूरी कर रही है। सब कुछ इलाज में खर्च कर चुके राजीव की दुकान में सामान के नाम पर केवल टॉफी व बिस्कुट ही बचे हैं। आमदनी का कोई अन्य जरिया न होने से उसका मानसिक संतुलन खराब हो गया है।

भाकिसं के जिला मंत्री कृष्ण कुमार शर्मा ने इस परिवार की दुर्दशा से सांसद चाधरी कंवर ¨सह तंवर, कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान व क्षेत्रीय विधायक महेंद्र ¨सह खडगवंशी को अवगत कराया परंतु अभी तक किसी का दिल मदद को नहीं पसीजा है।

राशन कार्ड तक परिवार के पास नहीं

हसनपुर: भुखमरी के कगार पहुंच चुके राजीव सैनी के परिवार पर पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड तक नहीं है जिससे की सरकार से मिलने वाला राशन प्राप्त वह खुद अपना पेट भर सकें। संपत्ति के नाम पर केवल 25 गज के मकान के मालिक राजीव का कहना है कि उसका पास एपीएल का राशन कार्ड था जिससे अब राशन नहीं मिलता। पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड़ बनवाने के लिए उसने काफी प्रयास किया परंतु किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी।


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