वेब सर्फिंग के लिए नया प्राइवेसी सिस्टम
इंटरनेट सर्फिंग करते वक्त एक सबसे बड़ी चिंता और डर होता है हैकर्स का। इसे देखते हुए शोधकर्ताओं ने नया सिस्टम बनाया है जो इंटरनेट यूजर्स के प्राइवेसी की रक्षा तो करेगा ही साथ ही इंटरनेट सर्फिंग करते वक्त भी यूजर की कड़ी सुरक्षा करेगा।
लंदन। इंटरनेट सर्फिंग करते वक्त एक सबसे बड़ी चिंता और डर होता है हैकर्स का। इसे देखते हुए शोधकर्ताओं ने नया सिस्टम बनाया है जो इंटरनेट यूजर्स के प्राइवेसी की रक्षा तो करेगा ही साथ ही इंटरनेट सर्फिंग करते वक्त भी यूजर की कड़ी सुरक्षा करेगा।
कॉलेज ऑफ लंदन, स्टेनफोर्ड इंजीनियरिंग, गूगल, चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता प मोजिला रिसर्च ने एक नया सिस्टम 'कंफाइनमेंट विद ऑरिजीन वेब लेबल्स (सीओडब्ल्यूएल यानि काउल)' बनाया है। यह मोजिला के फायरफॉक्स व गूगल के क्रोम वेब ब्राउजर के साथ काम करता है। यह नया सिस्टम, 'काउल' थर्ड पार्टी तक आपके इंफार्मेशन को लीक होने से बचाएगा।
क्रोम व फायरफॉक्स वेब ब्राउजर के लिए 'काउल' प्रोटोटाइप को परखा भी गया है और यह अपनी जांच में खरा उतरा है। शोधकर्ताओं के अनुसार फिलहाल यह सिस्टम पेपर में है और जल्द ही इसे शेयर किया जाएगा।
वेबसाइट ऑपरेटर्स के वेबसाइट में अनजाने ही कुछ ऐसे कोड शामिल हो सकते हैं जिनमें बग्स होते हैं या फिर नुकसान पहुंचाते हैं। ये कोड सेंसिटीव डाटा या अन्य ब्राउजर टैब को एक्सेस कर लेते हैं और थर्ड पार्टी को यूजर के बिना जाने ही उनके इंफार्मेशन लीक करने में मदद करते हैं।
मुफ्त में डाउनलोड किया जाने वाला 'काउल' वेब डेवलपर्स को विभिन्न वेबसाइट्स से डाटा लेकर आकर्षक फीचर वाला एप तैयार करने में मदद करेगा और इसके लिए यूजर को अपना लॉग इन डिटेल शेयर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्टूडेंट स्टीफन ने बताया कि इससे यूजर्स का सेंसिटीव डाटा ब्राउजर पर नहीं रहेगा और थर्ड पार्टी को मिलेगा भी नहीं।