स्मार्टफोन में प्रीलोडेड एप्स से हैं परेशान, तो ये तरीका आएगा बेहद काम
गूगल ने अधिकतर स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को एंड्रायड यूजर्स इंटरफेस (यूआई) को अपनी सुविधा के अनुसार बदलाव करने की अनुमति दे दी है
नई दिल्ली। दुनियाभर में ज्यादातर स्मार्टफोन यूजर्स एंड्रायड प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करते हैं और गूगल ने अधिकतर स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को एंड्रायड यूजर्स इंटरफेस (यूआई) को अपनी सुविधा के अनुसार बदलाव करने की अनुमति दे दी है। ऐसे में कई फोन निर्माता कंपनियां ऑपरेटिंग सिस्टम में बदलाव कर फोन में प्रीलोडेड एप इंस्टाल कर देती हैं, जिन्हें फोन से अनइंस्टॉल करना आसान नहीं होता है।
आमतौर पर फोन यूजर्स को इन एप की आवश्यकता भी नहीं होती है, लेकिन बैकग्राउंड में चलने वाले ये एप स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ और सिस्टम मेमोरी को प्रभावित करती हैं, जिससे फोन की स्पीड प्रभावित होती है। इसलिए यदि आप नया फोन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह जरूर पता लगा लें कि फोन निर्माता कंपनी में एंड्रायड यूजर्स इंटरफेस में कितना बदलाव किया है और कौन-कौन से प्री लोडेड एप मोबाइल में दिए गए हैं। साथ ही यह भी देख लें कि ये एप आपके लिए उपयोगी है या नहीं।
ये एप आमतौर पर प्रमोशनल एक्टिविटी या डाटा सिन्क्रोनाइजेशन से जुड़े होते हैं। उदाहरण के लिए अमेजन किंडले एप बहुत से स्मार्टफोन में दिया जाता है, जो फ्री ईबुक उपलब्ध कराता है। इसके अलावा कुछ फोन पर वीडियो कंटेट देखने के लिए Yupp TV app दिया जाता है। इन एप को फोन से अनइस्टाल करना आसान नहीं होता है। ऐसे में गूगल एप सेटिंग में जाकर इन एप को डिसेबल करना बेहतर होता है, इससे इन एप की ऑनलाइन कनेक्टिविटी बंद हो जाती है।
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