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Hindu Marriage: हिंदू धर्म में सर्वश्रेष्ठ है ब्रह्म विवाह, जानें कितनी तरह की होती हैं शादियां?

हिंदू धर्म में 16 संस्कारों की बात की गई है। जिसमें से विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार होता है। विवाह महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में शामिल होने की वजह से वैदिक मंत्रों और रीती-रिवाजों के द्वारा पूर्ण किया जाता है। हिंदू धर्म में 8 प्रकार के विवाह बताए गए हैं जिनका विशेष महत्व है। इन विवाह में सर्वश्रेष्ठ ब्रह्म विवाह को और सबसे निम्न कोटि का स्थान पैशाची विवाह को दिया गया है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Tue, 30 Apr 2024 01:01 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 01:01 PM (IST)
Hindu Marriage: हिंदू धर्म में सर्वश्रेष्ठ है ब्रह्म विवाह, जानें कितनी तरह की होती हैं शादियां?

धर्म डेस्क,नई दिल्ली। Hindu Marriage Types: हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से विवाह को पवित्र संस्कार माना गया है। विवाह चौदहवां संस्कार है। विवाह महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में शामिल होने की वजह से वैदिक मंत्रों और रीती-रिवाजों के द्वारा पूर्ण किया जाता है। हिंदू धर्म में 8 प्रकार के विवाह बताए गए हैं, जिनका विशेष महत्व है। इन विवाह में सर्वश्रेष्ठ ब्रह्म विवाह को और सबसे निम्न कोटि का स्थान पैशाची विवाह को दिया गया है। आइए विस्तार से जानते हैं इन 8 प्रकार के विवाह के बारे में।  

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8 प्रकार के होते हैं विवाह

1. ब्रह्म विवाह- दूल्हा और दुल्हन की सहमति से होने वाला विवाह ब्रह्मा विवाह कहलाता है। इस विवाह में नियम और रीति-रिवाज का पालन किया जाता है।  

2. देव विवाह - दूसरे नंबर पर देव विवाह आता है। इस विवाह को किसी उद्देश्य के लिए  कन्या का विवाह उसकी सहमति से करवाया जाता है।  

3. आर्ष विवाह- शास्त्रों की मानें तो आर्ष विवाह का संबंध ऋषियों से है। इस विवाह में कन्या के पिता को बैल और गाय को दान में देकर संपन्न किया जाता है।  

4. प्रजापत्य विवाह- चौथे नंबर पर प्रजापत्य विवाह आता है। इस विवाह में वधू के पिता दूल्हा और दुल्हन को आदेश देते हैं कि विवाह के पश्चात वह गृहस्थ धर्म का पालन कर जीवन यापन करेंगे।

5. असुर विवाह- इस विवाह में वर पक्ष कन्या के परिजनों को कुछ पैसे देकर कन्या को खरीद लेता है। इस विवाह में कन्या की सहमति अवश्य होनी चाहिए।  

6. गांधर्व विवाह- इस विवाह को वर और वधु की इच्छा से किया जाता है। गांधर्व विवाह प्रेम विवाह की तरह है।  

7.राक्षस विवाह- इस विवाह को निम्न कोटि का विवाह माना गया है। जब किसी से कन्या का अपहरण कर  विवाह किया जाए, तो ऐसे विवाह को राक्षस विवाह कहा जाता है।  

8.पैशाच विवाह-  इस विवाह को बेहोशी की हालात, कन्या की बिना सहमति और अपहरण कर शारीरिक संबंध बनाकर शादी करने को पैशाच विवाह कहा जाता है।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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