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सावधान, गैस डिलीवरी मैन करेगा आपके घर की जासूसी

तेल व गैस कंपनियां गैस उपभोक्‍ताओं के घरों की जासूसी करवाएंगी। यह जासूसी करेंगे गैस सिलेंडर डिलीवरी मैन। उनकी रपेार्ट के आधार पर गैस एजेंसियां उपभोक्‍ताओं के अार्थिक हालत का आकलन कर तेल कंपनियों को रिपोर्ट भेजेंगी। ऐसा संपन्‍न लोगों की गैस सब्सिडी बंद करने के लिए हो रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2016 02:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2016 04:39 PM (IST)

पटियाला [राज पारचा]। घरेलू गैस सिलेंडर पहुंचाने वाला डिलीवरी मैन आपके घर की जासूसी करेगा। और, यह सब करवा रही हें तेल व गैस कंपनियां। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कंपनियां तय करेेंगी की आप गैस सब्सिडी लेने के हकदार नहीं है। कंपनियां यह जासूसी गैस एजेंसियों के माध्यम से कराएंगी।

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इसके माध्यम से उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति का पता लगाया जाएगा। इसके लिए मानक तय कर दिए हैं और गैस सिलेंडर डिलेवरी मैन इसके अनुरूप अपनी रिपोर्ट गैस एजेंसियों को देंगे। गैस एजेंसियां इसके आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर कंपनियों को भेजेंगी।

यह सारी कवायद आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को गैस सब्सिडी के दायरे से बाहर रखने के लिए की जा रही है। इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने एजेंसियों को उपभोक्ताओं के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए कहा है। खास बात है कि उपभोक्ता को इस बाबत भनक भी नहीं लगेगी और एजेंसियां अपने स्तर से सभी उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कर इसकी रिपोर्ट तेल कंपनी को भेज देंगी।

तेल कंपनियों ने उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति के आकलन के निर्देश दिए

तेल कंपनियों ने इस संबंध में सभी एजेंसियों को दिए निर्देश में कहा है कि वे अपने उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति का आकलन करें। एलपीजी डिस्ट्रब्यूटर्स एसोसिएशन के कोऑर्डिनेटर गुरप्रीत सिंह बराड़ ने बताया कि इसके लिए कंपनी ने सालाना पांच लाख रुपये , पांच से दस लाख रुपये व दस लाख रुपये से ज्यादा सालाना कमाने वाले उपभोक्ताओं के तीन वर्ग बनाकर उनकी सूची तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं।

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उन्होंने बताया कि कंपनी ने तीनों वर्गों के लिए अपने हिसाब से मानक तय किए हैं। इस सर्वे की सूचना उपभोक्ताओं को नहीं दी जाएगी, लेकिन जब भी डिलीवरी मैन गैस देने के लिए उपभोक्ता के घर जाएगा तो मानकों के हिसाब से देखेगा कि संबंधित परिवार किस वर्ग में आता है। जैसे उपभोक्ता जिस एरिया में रहता है वो पॉश या स्लम। मकान कैसा व दायरा कितना बड़ा है।

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उन्होंने बताया कि वह यह भी देखेगा कि वाहन दो पहिया या चार पहिया है। चार पहिया वाहन मसलन कार है तो किस कंपनी की है। रहन-सहन कैसा है...इत्यादि। इस सब की सूचना देने के बाद फिर एजेंसी अपने स्तर पर पड़ताल कर रिपोर्ट तेल कंपनी को फारवर्ड करेगी।
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आर्थिक रूप से संपन्न लोगों की बंद होगी सब्सिडी
हालांकि तेल कंपनियों ने यह अभी स्पष्ट नहीं किया है कि वह यह सर्वे क्यों करा रही हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो कंपनियां जल्द ही आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को सब्सिडी के दायरे से बाहर करने की तैयारी में हैं। इसी उद्देश्य से सर्वे शुरू किया गया है।


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