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PM माेदी की पहल का कमाल: प्रभ को मिलेगी 'श्रवण शक्ति', अरुणप्रीत के जीवन में आया उजाला

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ने कमाल किया है और दो बच्‍चों की जिंदगी बदल गई है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की कोशिश से दो बच्‍चों की जिंदगी में नया सबेरा आया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 04:12 PM (IST)
PM माेदी की पहल का कमाल: प्रभ को मिलेगी 'श्रवण शक्ति', अरुणप्रीत के जीवन में आया उजाला

मोगा, [सत्येन ओझा]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से पंजाब में बच्‍चों की जिंदगी बदल रही है और उनके लिए नया सबेरा आ रहा है। प्रधानमंत्री की पहल के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग पिछड़े जिलों में अदालतें लगाकर बच्‍चों को मुश्किलों से निकाल रहा है। आयोग की इस कदम ने यहां के दो बच्‍चों की किस्‍मत बदल दी है। आयोग जन्म से बधिर प्रभ को सुनने की शक्ति प्रदान करेगा और पैसे न होने के चलते स्कूल से निकाली अरुणप्रीत की जिंदगी में ज्ञान का प्रकाश लाएगा।

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मोगा में पहली बार लगी बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अदालत, सुनी मासूमों की फरियाद

मोगा के इतिहास में पहली बार बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ ने मंगलवार को बच्चों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान आयोग ने बच्चों से संबंधित 238 शिकायतों को सुना और ज्यादातर का मौके पर ही निदान किया। 

धर्मकोट के पंडोरी गेट के रहने वाले परङ्क्षवदर कुमार का सवा तीन साल का बेटा प्रभ कुमार को जन्म से सुनाई नहीं देता। ऑपरेशन के बाद ही वह सुन सकेगा, लेकिन सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के लिए दिव्यांग सर्टिफिकेट चाहिए। परविंदर तीन माह से सर्टिफिकेट के लिए अस्पताल व सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सॉफ्टवेयर में धर्मकोट का नाम तहसील की सूची में न होने के कारण सर्टिफिकेट नहीं बन रहा था।

आयोग के सदस्य डॉ. आरजी आनंद व रोसि ताबा ने सभी पक्षों को सुनने के बाद डीसी को समाधान के निर्देश दिए। डीसी संदीप हंस ने मौके पर ही एनआइसी को तकनीकी कमी दूर करने के निर्देश दिए हैं। अब प्रभ का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनेगा और ऑपरेशन के बाद वह आम बच्चों की तरह सुन सकेगा।

आयोग के समक्ष एक अन्य मामला शहर के एक पब्लिक स्कूल का आया। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से संबंधित लवप्रीत कौर की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अरुणप्रीत कौर को नौवीं में व शरणप्रीत कौर को पांचवी में एक पब्लिक स्कूल में दाखिला दिला दिया, लेकिन वह कुछ माह की फीस जमा नहीं करा पाई। इस साल उसने अरुणप्रीत का सरकारी गर्ल्‍स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला करा दिया। पब्लिक स्कूल की फीस बकाया होने के कारण स्कूल ने छात्रा अरुणप्रीत कौर का लिविंग सर्टिफिकेट देने से इन्कार कर दिया।

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सर्टिफिकेट न मिलने पर सरकारी स्कूल ने  भी अरुणप्रीत को निकाल दिया। आयोग के दोनों सदस्यों ने लवप्रीतं, स्कूल व डीईओ का पक्ष सुनने के बाद डीसी को समाधान कराने के निर्देश दिए। मौके पर ही डीसी ने कहा कि वे बच्चों की फीस जमा कराकर दोबारा छात्रा का दाखिला कराएंगे, ताकि उसका साल खराब न हो।

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बच्चों के उत्थान के लिए मोगा को मिलेंगे तीन करोड़

देशभर में 115 जिले एसपिरेशनल डिस्ट्रिक्ट (पिछड़े जिले) घोषित किए गए हैं। पंजाब में इनमें मोगा व फिरोजपुर दो जिले चुने गए हैं। इस योजना में मोगा जिले में बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य व  इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए तीन करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। डीसी संदीप हंस ने कहा कि विस्तृत प्रस्ताव जल्द भेज राशि हासिल करेंगे।

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