पांचमंजिला फैक्टरी के गिरने से 11 मरे, मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख व नौकरी
लुधियाना में एक पांच मंजिला फैक्टरी में आग लग गई। कुछ देर बाद फैक्टरी की इमारत गिर गई। इससे 11 लोगों की मौत हो गई और 18 लाेगों के मलबे में दबे होने की ...और पढ़ें

जेएनएन, लुधियाना।सूफियां चौक इलाके में पांच मंजिला प्लास्टिक फैक्टरी एमर्सन पॉलीमर में सोमवार को शार्ट सर्किट से लगी आग को बुझाने के दौरान हुए विस्फोट के बाद पूरी इमारत धराशायी हो गई। इस हादसे में तीन फायरकर्मियों सहित 11 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 18 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है जिनमें छह फायरकर्मी व फायर अफसर बताए जाते हैं। मंगलवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मौके पर पहुंचे।
बताया जाता है कि फैक्टरी में पैट्रो केमिकल था और दोपहर करीब 12 बजे इसमें आग पकड़ ली और विस्फोट हो गया। 11 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि चार लोगों को जिंदा निकालने में कामयाबी मिली है। चारों को सीएमसी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। सेना व नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) के नेतृत्व में बचाव कार्य जारी है. था।
It's an unfortunate incident. I hope all firemen, stuck in debris, are recovered. We have formed commission to probe the incident. We'll give compensation of Rs 10 Lakh to the firemen & jobs to their families.: Punjab CM Capt Amarinder Singh at building collapse site in Ludhiana pic.twitter.com/WnF0qIm9P3
— ANI (@ANI) November 21, 2017
मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए आयोग का गठन किया जाएगा। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये मुआवजा देने व नौकरी देने की घोषणा की।

राहत कार्य में जुटा बचाव दल।
गत दिवस फैक्टरी की ऊपरी मंजिल में आग लगने की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी। दोपहर लगभग 12 बजे तक आग काफी हद तक काबू कर ली गई थी। इसी दौरान फैक्टरी में रखे केमिकल में आग पकड़ने के बाद हुए विस्फोट के साथ पांच मंजिला इमारत रेत की तरह धराशायी हो गई। इमारत के अंदर मौजूद लोग मलबे में दब गए।

राहत एवं बचाव कार्य के लिए पहुंची सेना।
मौके पर पहुंची पंजाब पुलिस ने जीसीबी मशीनों की सहायता से मलबा हटाने का काम शुरू किया। जब तक एनडीआरएफ और सेना का बचाव दल मौके पर पहुंचा पुलिस ने एक व्यक्ति को जिंदा और एक शव बाहर निकाल लिया था। इसके बाद एनडीआरएफ और सेना के जवानों ने दो फायर कर्मियों के शव बाहर निकाले। मलबा हटाने के दौरान शाम को फिर आग की लपटें निकलने लगी। तत्काल फायर ब्रिगेड कर्मियों को फिर लगाया गया। बताया जाता है कि घटनास्थल से कैमिकल जलने की दुर्गंध आ रही थी, जो संभवत: फैक्टरी में इस्तेमाल किया जाता है।
जायजा लेने पहुंचे भावाधस नेता द्रविड़ की भी मौत
आग लगने की सूचना मिलने के बाद भावाधस (भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज) के राष्ट्रीय संचालक लक्ष्मण द्रविड़ भी मौके पर पहुंचे। वे इमारत के अंदर जायजा ले रहे थे, तभी इमारत ढह गई और अपने साथियों के साथ वे मलबे में दब गए। बचाव अभियान के दौरान उनसे मोबाइल पर बातचीत हुई। वह कह रहे थे मेरे पैर काम नहीं कर पा रहे। नाक से खून आ रहा है, मुझे बचा लो, लेकिन कुछ देर बाद उनका मोबाइल भी बंद हो गया। रात करीब साढ़े बारह बजे उनका शव मलबे से निकाला गया।

मौके पर पहुंचे ब्रह्म मोहिंद्रा।
मलबे में दबने वाले फायरकर्मी
राजिंदर शर्मा व राजकुमार (दोनों एसएफओ), मनोहर लाल (एलएफएम), विशाल कुमार (एफएम), मनप्रीत सिंह व सुखदेव सिंह (दोनों एफएम, डीसी)
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मृतकों की पहचान
-फायरमैन शिमोन गिल (55) निवासी अमृतसर। ढाई माह पहले लुधियाना ट्रांसफर हुआ था।
-फायरमैन पूरण सिंह बिष्ट (47) सुखदेव कालोनी, पीपल चौक, लुधियाना।
-टैक्सी चालक इंदरपाल सिंह (60), निवासी पक्खोवाल रोड, लुधियाना।
- राजन सिंह (एफएम), निवासी लुधियाना।
- दन बहादुर, फैक्ट्री केयर टेकर, लुधियाना।
- संदीप सिंह, फैक्ट्री में कंप्यूटर आपरेटर, निवासी बाजड़ा।
- बलदेव राज, फैक्ट्री का मैनेजर, निवासी जसवंत नगर, लुधियाना।
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घायलों की पहचान
-विक्की, निवासी मंजीत नगर लुधियाना।
- सुनील कुमार, निवासी इंजन शेड, लुधियाना।
-सुभाष कुमार व रोहित कपूर। इनके घर का पता नहीं चल पाया है।

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