Ludhiana News: ड्रग मनी से कारोबार करने पर एनसीबी ने लुधियाना में 77 शराब के ठेके किए सील
लुधियाना में ड्रग मनी से कारोबार करने पर एनसीबी ने लुधियाना में 77 शराब के ठेके सील कर दिए हैं। हेरोइन तस्करी के मामले में गिरफ्तार अक्षय छाबड़ा की कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है। अक्षय एक बड़े शराब कारोबारी का बेटा है। ड्रग मनी से सारा कारोबार चलता था।
जागरण संवाददाता, लुधियाना: नशा तस्करी के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए लुधियाना में एएस एंड कंपनी के 77 शराब के ठेके सील कर दिए। एएस एंड कंपनी के हिस्सेदार अक्षय छाबड़ा और उसके साथी गौरव गोरा को पिछले वर्ष 24 नवंबर को नशा तस्करी के मामले में जयपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। दोनों अभी जेल में हैं। बताया जाता है कि अक्षय की कंपनी में 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। तीन हिस्सेदार और भी हैं।
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अक्षय एक बड़े शराब कारोबारी का बेटा है। ड्रग मनी से सारा कारोबार चलता था। अक्षय छाबड़ा ने एनसीबी की पूछताछ में माना था कि वह समुद्र के रास्ते मुंद्रा पोर्ट (गुजरात) और सड़क से इंटीग्रेटिड चेक पोस्ट (आइसीपी) अटारी व जम्मू-कश्मीर के रास्ते 16.50 क्विंटल हेरोइन मंगवा चुका है। वह नशा तस्करी से आने वाले पैसे को शराब के कारोबार में लगाता था। एनसीबी की टीम ने शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे आबकारी विभाग के कर्मचारियों और पुलिस को साथ लेकर फोर्टेस ग्रुप, गिल ग्रुप और ढोलेवाल ग्रुप के शराब ठेकों को सील कर दिया।
यह तीनों ग्रुप अक्षय छाबड़ा के हैं। पिछले वर्ष 15 नवंबर को लुधियाना के दुगरी पुल से एनसीबी ने संदीप सिंह दीपू को 20 किलो 326 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा था। उसने ही पूछताछ के दौरान शराब कारोबारी अक्षय छाबड़ा का नाम उगला था। उससे हुई पूछताछ के बाद एनसीबी ने 26 नवंबर तक शहर के बाबा दीप सिंह नगर, अर्बन एस्टेट और चंडीगढ़ के सेक्टर-26 से हेरोइन, ड्रग बनाने का पाउडर और एल्कोहल बरामद किया था। जांच एजेंसी एनसीबी ने दावा किया है कि वह शहर में ही एक घर में नशीला पाउडर बनाने का भी काम करता था।
कई जगह बनाई संपत्ति
अक्षय छाबड़ा ने नशा तस्करी के पैसे से काफी संपत्ति बनाई। उसने कई प्लाट भी खरीदे। इसके अलावा एक फार्म हाउस भी बनाया। उसके पास कई लग्जरी गाड़ियां हैं। अब एनसीबी उसकी अन्य संपत्तियों पर भी कार्रवाई कर सकती है।
लाइसेंस के लिए 3.55 करोड़ का भुगतान
एनसीबी ने अक्षय छाबड़ा के बयान पर एएस एंड कंपनी के हिस्सेदारों से कंपनी का लाइसेंस लेने और कंपनी में किए गए निवेश के बारे में जानकारी मांगी थी। लाइसेंस लेने के लिए 3.55 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इस बारे में वह कोई जानकारी नहीं दे पाए। इससे साफ है कि इसमें पैसा अक्षय छाबड़ा का ही लगा था। इस वजह से कंपनी की संपत्ति को सील कर दिया गया है। अब इसे किसी अन्य को बेचा नहीं जा सकेगा।
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