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    बिना कोरोना के डर के खा सकेंगे रेहड़ी पर गोलगप्पे, पी सकेंगे गन्ने का जूस, अमृतसर के कारोबारी का अनूठा प्रयोग

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jan 2021 12:11 PM (IST)

    कोरोना काल ने लोगों के हाईजीन की चिंता बढ़ाई तो अमृतसर के कारोबारी ने इसके लिए विकल्प खोज लिया। अब आप रेहड़ी पर भी कोविड नियमों के साथ आधुनिक मशीनों से तैयार गोलगप्पे का स्वाद ले सकते हैं और गन्ने का जूस पी सकते हैं।

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    अमृतसर में गोलगप्पे में कांझी भरती युवती। जागरण

    अमृतसर [हरदीप रंधावा]। परिस्थितियां आदमी से कुछ भी करवा सकती हैं। कोराना संक्रमण के कारण रेडीमेड गारमेंट्स का व्यापार ठप पड़ा तो अमृतसर के कारोबारी ने आपदा में अवसर ढूंढा। उसने गोल गप्पे व गन्ने के जूस का काम शुरू किया, लेकिन चुनौती थी कि कोरोना संक्रमण की चिंता में घिरे लोगों को कैसे वह साफ सुुुुुथरा वातावरण देेे। उसने मन में ठानी तो इसका समाधान भी निकल आया। तकनीक की मदद से वह इसमें सफल हो रहा है। 

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    कोरोना के दौर में बहुत बार ऐसा हुआ होगा जब आपने गोलगप्पे खाने या गन्ने का जूस पीने की अपनी इच्छा को मारा होगा। संक्रमण का डर स्वाभाविक है, लेकिन अब आपकी इस परेशानी का समाधान हो गया है। अमृतसर के दो कारोबारियों गुरप्रीत सिंह व भूपिंदर सिंह ने हाईजीन की चिंता को ध्यान में रखते हुए फूड प्वाइंट शुरू किया है। उन्होंने ऐसी मशीनें लगाई हैं, जिनकी मदद से आप दुकानदार के हाथ लगाए बिना गोलगप्पे खा सकेंगे। साथ ही गन्ने का जूस पीते समय भी आपको हाईजीन की चिंता नहीं सताएगी। उन्होंने सरकारी दिशा-निर्देशों का विशेष ध्यान रखा है। इस वजह से यह फूड प्वाइंट अब लोगों व पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

    गुरप्रीत सिंह ने शास्त्री मार्केट में गोलगप्पों की मशीन लगाई है, जहां ग्राहक अपनी पसंद की कांजी (गोलगप्पों का पानी) का स्वाद ले सकते हैं। वहीं, आटा मंडी में भूूपिंदर सिंह ने गन्ने का रस निकालने वाली मशीन लगाई है। पहले साधारण बेलन में मक्खियां भिनभिनाती थीं और उस पर धूल मिट्टी जम जाती थी, लेकिन यह मशीन पूरी तरह ढकी हुई है। कहीं भी गंदगी की गुंजाइश नहीं है।

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    सेंसर के जरिए भरता है गोलगप्पों में पानी

    गोलगप्पे की मशीन लगाने वाले गुरप्रीत सिंह ने बताया कि इन दिनों लोग सेहत के प्रति बहुत सजग हो गए हैं। मैं नया कारोबार करने की सोच रहा था। इंटरनेट पर गोलगप्पों वाली मशीन देखी तो यह आइडिया बहुत पसंद आया। इस मशीन में छह तरह के फ्लेवर वाला कांजी उपलब्ध है। उन्हेंं इसके लिए 2.5 लाख रुपये खर्च करने पड़े। यह आम रेहड़ी के मुकाबले काफी ज्यादा है, लेकिन मशीन लोगों को काफी आ पसंद रही है। इसमें सेंसर लगे हैं, जिससे कांजी गोलगप्पों में भर जाता है। छह फ्लेवरों में मीठा, नींबू, पंजाबी तड़का, पुदीना, जीरा और हींग का स्वाद मिलता है। इसके अलावा दही भल्ला, दही पूरी, चाट, भेल पुरी व सेव पुरी भी फूड प्वाइंट का आकर्षण हैं।

    गन्ने के रस में सफाई का पूरा ध्यान

    आटा मंडी में गन्ने का रस निकालने वाली मशीन लगाने वाले भूपिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने इंटरनेट के जरिए अहमदाबाद की एक कंपनी से मशीन मंगवाई। उन्हेंं इसका माडल बहुत पसंद आया। आम मशीन के मुकाबले रवायती मशीन के मुकाबले इसकी कीमत दोगुनी है। 1.25 लाख की कीमत वाली मशीन में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा गया है। मशीन पूरी तरह ढकी हुई है। गन्ना रखने व इसके वेस्ट के लिए अलग से जगह बनाई गई है। बेलन को पूरी तरह कवर किया गया है। फूड प्वाइंट पर गन्ने के रस के अलावा पेठे का रस, फलों का रस, एलोवीरा व गन्ने का रस मिलता है। यह सेहत के लिए फायदेमंद है। वहीं, सादा पेठा, अंगूरी पेठा, सादा पेठे का पेड़ा, आम पापड़ वाला पेड़ा, गुलकंद पेठा व चाकलेट पेठा भी उपलब्ध है।

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    कोरोना ने डुबाया, कोरोना की तारेगा

    कोरोना के कारण गुरप्रीत सिंह व भूपिंदर सिंह का रेडीमेड गारमेंट्स का कारोबार डूब गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जिस कोरोना की वजह से कारोबार में नुकसान हुआ था, उसी से सबक लेकर नया बिजनेस शुरू कर दिया। उनक कहना है कि कोरोना ने डुबाया है, अब कोरोना की तारेगा।

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