प्रख्यात पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर का निधन, कोरोना संक्रमण के कारण थे अस्पताल में भर्ती
पंजाब के प्रख्यात गायक सरदूल सिकंदर का मंगलवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें गत माह फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था।
मोहाली [रोहित कुमार]। पंजाब के प्रख्यात गायक सरदूल सिकंदर (Sardool Sikander) का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। 60 वर्षीय सरदूल सिकंदर ने बुधवार सुबह 11:55 बजे अंतिम सांस ली। वह शुगर से पीड़ित थे। 2016 में उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण किया गया था। उनका यहां कोविड-19 का इलाज चल रहा था। उनका आक्सीजन लेवल कम होने की वजह से उन्हें 19 जनवरी को फोर्टिस अस्पताल मोहाली में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनका रिकवरी रेट धीमा था। नाजुक होने पर उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया।
सरदूल सिकंदर के निधन का समाचार सुनते ही पंजाब कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके दोस्त, रिश्तेदार व चाहने वाले अस्पताल पहुंच रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सरदूल सिकंदर के निधन पर शोक जताया है। सरदूल ने पंजाबी गायकी को एक मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने बहुत छोटे स्तर से गायन शुरू किया और फिर देश विदेश में नाम कमाया।
Extremely saddened to learn of the demise of legendary Punjabi singer Sardool Sikander. He was recently diagnosed with #Covid19 and was undergoing treatment for the same. The world of Punjabi music is poorer today. My heartfelt condolences to his family and fans. pic.twitter.com/PDaELYIPbZ— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) February 24, 2021
उधर, अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने ट्विटर पर कहा कि पंजाबी प्लेबैक सिंगर सरदूल सिकंदर के निधन की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। उनके जाने से पंजाबी फिल्म और संगीत उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। मैं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के लिए प्रार्थना करता हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे!
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सरदूल सिकंदर भाषा के लोक और पॉप संगीत से जुड़े रहे। 1980 के दशक में सरदूल ने अपनी पहली अलबम "रोडवेज दी लारी" निकाली थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सरदूल सिकंदर ने कई हिट गाने दिए। इसके अलावा फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। 15 अगस्त 1961 को जन्मे सरदूल सिकंदर ने पंजाबी फिल्म जग्गा डाकू में शानदार अभिनय से अपनी अभिनय कला का लोहा मनवाया।
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सरदूल के पिता स्व. सागर मस्ताना एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने एक विशेष प्रकार के तबले का आविष्कार किया था जो एक पतली बांस की छड़ी से बजाया जाता था। सरदूल की शादी अमर नूरी से हुई, जो एक कुशल गायिका और अभिनेत्री भी हैं। उन्होंने अपने पति की तरह ही कई पुरस्कार हासिल किए। जिला फतेहगढ़ साहिब में खेरी नौध सिंह में जन्मे सरदूल सिकंदर का संगीत के पटियाला घराने से संबंधित रहा।
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सरदूल ने कई अलबम निकाली। 1991 में रिलीज़ हुई उनकी उनके अलबम 'हुस्ना दे मल्को' ने दुनियाभर में धमाल मचाया। इसकी 5.1 मिलियन प्रतियां बेचीं गई। सरदूल के सारंग सिकंदर और अलाप सिकंदर नाम के दो बेटे हैं। सारंग बड़ा बेटा है। वह गायक और संगीत निर्माता है।
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