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    पंजाब सरकार का झटका, पनसप से हटेंगे आउटसोर्स कर्मचारी

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Tue, 16 May 2017 11:35 AM (IST)

    पंजाब सरकार ने राज्‍य के बोर्डों और निगमों में खर्च नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए है। इस कड़ी में पनसप से आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारि ...और पढ़ें

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    पंजाब सरकार का झटका, पनसप से हटेंगे आउटसोर्स कर्मचारी

    जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की सरकार करोड़ों के घाटे में चल रहे पंजाब सरकार के बोर्ड और निगमों के खर्च नियंत्रित करने के प्रति गंभीर हो गई है। अमरिंदर सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसका पहला झटका पंजाब नागरिक आपूर्ति निगम (पनसप) में काम कर रहे आसटसोर्स कर्मचारियों को लगा है। सरकार ने पनसप से आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया है।

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    यह कदम पनसप में पक्की भर्ती होने के बाद उठाया गया है। दूसरी तरफ, अमृतसर में पनसप के पूर्व चेयरमैन की कोठी में किराये पर चल रहे दफ्तर को भी वहां से शिफ्ट कर दिया गया है। इसके लिए पनसप को करीब 70 हजार रुपये महीना किराया देना पड़ रहा था।

    पौने दो सौ कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्सिग से की थी

    पनसप ने करीब पौने दो सौ कर्मचारियों की भर्ती आउट सोसिर्ंग पर की थी। इनमें करीब 15 ऐसे ड्राइवर और सेवादार हैं जो अधिकारियों के घरों में काम करते रहे हैं। वहीं कई कर्माचारी सीनियर सहायक, स्टेनो और डाटा एंट्री आपरेटर व कुछ इसंपेक्टर हैं। बता दें कि पिछले तीन साल से सरकार ने नीले कार्ड धारकों को वितरित किए जाने वाले गेहूं का काम भी पनसप से लेकर पनग्रेन को दे दिया है।

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    अधिकतर भर्ती पहले एमडी के समय की गई थी। इस बारे में पनसप के एमडी भूपिंदरपाल सिंह ने कहा कि आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारियों को हटाने का फैसला ले लिया गया है। अधिकतर भर्तियां पहले एमडी के समय की गई थीं। वहीं पनसप के जीएम फायनांस नवीन गर्ग ने कहा कि अमृतसर में मीयांकोट वाली कोठी में चल रहा दफ्तर दूरी पर था जिस कारण दफ्तर अब तब्दील किया गया है।

    वेतन का मासिक खर्च पड़ता है करीब 25 लाख

    आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का मासिक खर्च करीब 25 लाख रुपये बैठता है। इस तरह पिछले पांच साल में 15 करोड़ रुपये वेतन के रूप में ही दिए जा चुके हैं। आउटसोर्सिंग पर रखे गए 160 कर्मचारियों में से 44 मुख्य कार्यालय और 50 अमृतसर के जिला कार्यालय में काम कर रहे हैं।

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    पनसप के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की 2011 में हुई बैठक के दौरान 44 पक्‍के कर्मचारी भर्ती करने का फैसला हुआ था, इसके साथ ही निर्णय किया गया था कि जब पक्के कर्मचारी भर्ती किए जाएंगे तो इन्हें हटा दिया जाएगा, लेकिन पक्की भर्ती के बाद भी इन्हें हटाया नहीं गया।