पंजाब में आप व कांग्रेस आमने-सामने; आप का आरोप- बिजली खरीद पंजाब ने अडानी ग्रुप से किया समझौता, कैप्टन बोले- केजरीवाल झूठे
किसानों के मुद्दे पर पंजाब में आम आदमी पार्टी व अरविंद केजरीवाल आमने सामने हैं। आप का कहना है कि पंजाब ने अडानी ग्रुप से बिजली समझौता किया है जबकि कैप्टन अमरिंदर ने इसे गलत बताते हुए केजरीवाल को झूठा व्यक्ति करार दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी ने पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर बिजली खरीद के लिए अडानी ग्रुप से समझौता कर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया है। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठ और झूठे प्रचार के जरिये पंजाब में अपनी पार्टी के ओछे चुनावी एजेंडे को आगे बढ़ाने की ताक में हैं। अडानी पावर से बिजली खरीद के आरोप को नकारते हुए कैप्टन ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार अंबानियों के सहारे तरक्की कर रही है। केजरीवाल सरकार तो रिलायंस द्वारा चलाई जा रही कंपनी बीएसईएस के अधीन दिल्ली में बिजली क्षेत्र में हुए सुधारों को सबसे बड़ी उपलब्धि बताने का ढोल पीट रही है।
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कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर को कृषि सुधार कानूनों में से एक कानून को नोटीफाई कर दिया जब किसान इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली आ रहे थे। केजरीवाल सोमवार से किसानों की भूख हड़ताल के समर्थन में उपवास का एलान करके नौटंकी कर रहे हैंं।
कैप्टन ने कहा, 'क्या आपको कोई शर्म हया है। जब किसान बहादुरी के साथ ठंड का सामना कर रहे हैैं तो आप राजनीतिक कर रहे हैैं। पिछले 17 दिनों से आपके शहर के बाहर बैठे किसानों की मदद के लिए कोई रचनात्मक काम करने के बजाय आप और आपकी पार्टी राजनीति खेलने में लगे हुई है।'
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कैप्टन ने सांसद भगवंत मान को लेकर कहा कि वह केवल एक कामेडियन हैं, जिसको कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया। पंजाब में बिजली संबंधी बयान देने से पहले उन्होंने स्थिति को नहीं जांचा। केजरीवाल और आप पंजाब के किसानों की जरूरतों को नहीं समझते। उनका ध्यान स्वार्थी राजनीतिक हितों को पूरा करना है। कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल अपनी नाटकीय कार्रवाई और घर में नजरबंद किये जाने के झूठे दावों के बावजूद किसानों की हिमायत हासिल करने में असफल रहे। केजरीवाल ने 2022 के विधानसभा चुनाव पर नजर टिका ली है, जिसमें आप के जीतने की कोई उम्मीद नहीं है।
कैप्टन ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा : मान
आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब प्रदेश प्रधान भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीद समझौता करके किसान आंदोलन की पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों और कारपोरेट घरानों के बारे में कैप्टन सरकार की कथनी और करनी में दिन-रात का फर्क है। कैप्टन और कांग्रेस कृषि कानूनों के विरुद्ध ड्रामा कर रहे हैं। अडानी ग्रुप से किए ताजा बिजली समझौते ने साबित कर दिया है कि कैप्टन भाजपा के मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते हुए मोदी सरकार के इशारों पर नाच रहे हैं।
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मान ने कहा कि जब कृषि कानूनों के विरुद्ध पंजाब और देश के किसान 26 नवंबर को दिल्ली कूच करने के लिए आह्वान कर रहे थे तो ठीक उसी समय कैप्टन ने अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीदने की डील सफलतापूर्वक पूरी कर ली थी। कैप्टन का यह कदम किसान आंदोलन का मनोबल तोड़नेे की साजिश से कम नहीं है। मान ने कैप्टन के इस्तीफे की मांग करते कहा कि उनको नैतिक तौर पर मुख्यमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया।
मान ने कहा कैप्टन ने बिजली माफिया को नकेल कसने के बजाय पिछली बादल सरकार की तरह हिस्सेदारी को ही पहल दी है। यदि कैप्टन लोक हितैषी होते तो वह मोदी सरकार के दबाव में आकर अडानी ग्रुप के साथ बिजली समझौता नहीं करते। वह अपने चुनावी वायदे के अनुसार बादलों की ओर से निजी बिजली कंपनियों के साथ किये गए महंगे और एकतरफा बिजली खरीद समझौते भी रद करते। उन्होंने राहुल गांधी से सवाल करते हुए कहा कि एक तरफ वह किसानों के हक में ट्रैक्टर रैलियां कर रहे हैं, दूसरी ओर उनके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कारपोरेट घरानों के साथ समझौते कर रहे हैं। क्या वह कांग्रेस हाईकमान को बताए बिना ही ऐसे समझौते कर रहे हैं?
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