पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू फिर विवाद में घिरे
पंजाब के कैबिनेअ मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर विवाद में घ्ािर गए हैं। इस बार वह श्री आनंदपुर साहिब स्थित विरासत-ए-खालसा को सफेद हाथी कहने पर विवाद में आ गए हैं।

जेएनएन, अमृतसर। पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक और विवाद में फंस गए हैं। इस बार वह श्री आनंदपुर साहिब स्थित विरासत-ए-खालसा को सफेद हाथी कहने पर घिरे हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने सिद्धू के इस बयान का कड़ा नोटिस लिया है और इस पर कड़ा एतराज जताया है।
विरासत-ए-खालसा को सफेद हाथी कहने पर एसजीपीसी नाराज
एसजीपीसी के अध्यक्ष प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि सिद्धू को खालसा पंथ की शान वाले इतिहास के साथ-साथ सिख विरासत का सत्कार करते हुए विरासती यादगारों संबंधी गलत बयानबाजी से गुरेज करना चाहिए। उन्हें अपनी इस गलती के लिए सिख जगत से क्षमा मांगनी चाहिए।
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एसजीपीसी प्रधान प्रो बडूंगर ने कहा, क्षमा मांगें स्थानीय निकाय मंत्री
उन्होंने कहा कि सिखों का इतिहास कुर्बानियों से भरा है। विरासत-ए-खालसा सिख पंथ के इतिहास को रूपमान करती है। इसके संबंध में गलत शब्दों का प्रयोग दुर्भाग्यपूर्ण है। देश-विदेश से लोग खालसा पंथ के इतिहास की जानकारी विरासत-ए-खालसा से हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू एक जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए उनकी ओर से इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल शोभा नहीं देता है।
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पहले भी विवादों में रहे सिद्धू
सिद्धू इससे पहले भी विवादों में रहे हैं। कांग्रेस सरकार में मंत्री बनने के बाद भी काफमेडियन कपिल शर्मा के टीवी शो में काम करने को लेकर सिद्धू विवाद में रहे। शो में दो अर्थ वाले चुटकुले कहने के कारण भी वह निशाने पर आ चुके हैं। 2004 में अमृतसर लोकसभा सीट से अपनी सियासी पारी शुरू करने के बाद से ही विवाद उनके साथ चल रहे हैं।
सिद्धू द्वारा अपनी कलाई में मोली बांधने और तिलक लगाने को लेकर जहां विवाद उठा, वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में वह एक जाति विशेष पर टिप्पणी करके बुरे फंसे। लुधियाना में दिए गए एक भाषण के दौरान भी उन्होंने सिखों के पांचवें गुरू श्री गुरु अर्जन सिंह के बोले गए कुछ शब्द दोहराए और कहा कि ये शब्द महाभारत के अर्जुन ने कहे थे। इस पर भी उन्हें सिख संगत के आक्रोश का सामना करना पड़ा था।

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