पाकिस्तान के आइएसआइ से जुड़े ट्रंप के चुनावी कैंपेन के तार
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की रेस में सबसे आगे चल रहे डोनल्ड ट्रंप के चुनावी कैंपेन के तार पाकिस्तान से जुड़ते नजर आ रहे हैं
वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की रेस में सबसे आगे चल रहे डोनल्ड ट्रंप के चुनावी कैंपेन के तार पाकिस्तान से जुड़ते नजर आ रहे हैं। ट्रंप के कैंपेन के शीर्ष सहयोगी पॉल मैनाफर्ट की कंपनी पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम करने का संगीन आरोप लगा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैनाफर्ट की कंपनी को आइएसआइ से सात लाख डॉलर मिले हैं। ये पैसे ब्लैक, मैनाफोर्ट, स्टोन और केली ने लिये हैं। ये सभी लोग इस कंपनी के लिए काम करते हैं। याहू न्यूज के मुताबिक पॉल मैनाफर्ट कश्मीरी-अमेरिकन काउन्सिल (केएसी) के बड़े पैरोकार रहे हैं। इनकी कंपनी ने 1990 से 1995 के बीच सात लाख अमेरिकन डॉलर लिये थे।
ये भी पढ़ेंः राष्ट्रपति की रेस में शामिल रोड्रिगो का विवादित बयान, 'बहुत खूबसूरत थी रेप पीड़िता'
कश्मीरी-अमेरिकन काउन्सिल के हेड गुलाम नबी फई को अमेरिका की कोर्ट ने आइएसआइ से पैसे लेने के जुर्म में दो साल की सजा दी थी। सुनवाई के दौरान फेडरल के वकील ने कहा कि कश्मीरी-अमेरिकन काउन्सिल ने ये रकम आइएसआइ से मिले 4 मिलियन डॉलर में से दी थी। हालांकि आइएसआइ इस आरोप से इंकार करता रहा है।
अमेरिकी सरकार ने ये कभी नहीं कहा है कि मैनाफर्ट सीएसी का एक रजिस्टर्ड लैबिस्ट है। एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि मैनाफर्ट 1994 में इस्लामाबाद गया था। अपने दौरे के दौरान वो कश्मीर में जनमत संग्रह के लिए कांग्रेस के सदस्यों को प्रभावित करने के मकसद से गया था। इसके लिए वो प्रत्येक सदस्यों को आठ से दस हजार डॉलर तक का ऑफर भी देता था। एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीरी-अमेरिकन काउंसिल पाकिस्तान द्वारा चलाया जा रहा था, इस बात की जानकारी मैनाफर्ट को नहीं थी ये कहना ठीक नहीं होगा।
ये भी पढ़ेंः अब परमाणु परीक्षण किया तो उत्तर कोरिया को कड़ा जवाब देगा अमेरिका
ये भी पढ़ेंः दुनिया की खबरों को जानने के लिए यहां क्लिक करें