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मोदी को संदेह की नजरों से देखना बंद करे पाक

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बाद यहां का राजनीतिक एवं सामाजिक माहौल बदलने लगा है। पाकिस्तानी मीडिया ने राजनीतिज्ञों को सलाह दी है कि वे भारत के बदलते राजनीतिक परिदृश्य की सच्चाई को समझते हुए कदम आगे बढ़ाएं।

By Edited By: Published: Sun, 01 Jun 2014 01:13 AM (IST)Updated: Sat, 31 May 2014 10:15 PM (IST)

इस्लामाबाद। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बाद यहां का राजनीतिक एवं सामाजिक माहौल बदलने लगा है। पाकिस्तानी मीडिया ने राजनीतिज्ञों को सलाह दी है कि वे भारत के बदलते राजनीतिक परिदृश्य की सच्चाई को समझते हुए कदम आगे बढ़ाएं।

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द नेशन अखबार में सैमसन सिमॉन शारा द्वारा लिखे 'इज मोदी द गेम चेंजर' नाम के लेख में कहा गया है कि पाकिस्तानियों को सोच-समझकर मोदी के प्रस्तावों पर आगे बढ़ना होगा। यदि आज हमसे भूल हो गई तो इसके परिणाम देश को भुगतने होंगे। मोदी को लोग मजबूत इरादों वाला बताते हैं।

पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी सैमसन ने कहा कि मोदी आतंकवाद, कश्मीर और भारत के पड़ोस में चारों ओर सुरक्षित एवं शांत माहौल व विकास का एजेंडा लेकर आए हैं। कई कमजोर सरकारों के बाद भारत को ऐसे ही ऊर्जा और प्रेरणा से भरे प्रधानमंत्री की जरूरत थी। वहीं पाकिस्तान के राजनीतिक दल चापलूसों से भरे हैं। भाजपा दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विचारधारा 'पहले भारत' को केंद्र में रखकर सत्ता में आई है। पाकिस्तान को गुजरात दंगों की छाया से बाहर आकर मोदी को कारोबार बढ़ाने व्यक्ति के रूप में देखना चाहिए।

लेख में कहा गया है कि भारत की नई सरकार पश्चिमी प्रभाव से बाहर निकलकर चीन और रूस के नजदीक जाने की कोशिश कर सकती है। चीन अभी से मोदी का पूरा साथ देने लगा है। भारतीय पीएम की चीन यात्रा के बाद दोनों पड़ोसियों के संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मोदी का साथ देंगे। सैमसन ने चीनी अखबार में छपे लेख का उल्लेख करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों को डर है कि पुतिन भारत के मजबूत प्रधानमंत्री के हाथ न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक रूप से और ताकतवर करने की कोशिश करेंगे। सैमसन के मुताबिक सार्क देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाकर मोदी ने पार्टी और सरकार की विदेश नीति को साफ कर दिया है। अब पाकिस्तान सरकार को इन चुनौतियों को अवसर में बदलने का हुनर दिखाना होगा।

चाय वाला कहने से अमेरिका में बढ़ा था मोदी का समर्थन

ह्यूस्टन। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर यदि नरेंद्र मोदी को चाय वाला न कहते तो शायद भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों में भाजपा के पीएम प्रत्याशी के लिए उतना समर्थन नहीं होता। भारतीय मूल के लोगों का कहना है कि अय्यर के बयान के विरोध में अमेरिका में मोदी का समर्थन तेजी से बढ़ा।

ह्यूस्टन के रहने वाले कारोबारी रमेश भूतड़ा ने बताया, इस बयान का नतीजा भारतीय अमेरिकियों द्वारा शुरू किए गए चाय पर चर्चा अभियान के रूप में सामने आया, जिसने मोदी की जीत में अहम भूमिका निभाई। यहां मोदी के चुनाव प्रचार अभियान को दो महीने तक अंजाम दिया गया। कई बड़े शहरों में ठीक ऐसे ही अभियान चलाए गए। लोगों से कहा गया कि वे चाहें तो मतदान कर अपना भाग्य बदल सकते हैं। भारतीय मूल के अमेरिकियों का फोन अभियान बेहद सफल रहा।

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