ब्रेक्सिट के बाद चीन के मीडिया ने लोकतंत्र के नतीजों से आगाह किया
ब्रेग्जट के पक्ष में ब्रिटेन की जनता के फैसले के बाद चीन के मीडिया ऐसे कम जीत के बाद लिए गए फैसले को लेकर बुद्धिमता पर सवाल उठाए हैं।
बीजिंग। ब्रेक्सिट के पक्ष में वोट देकर यूरोपीय यूनियन से बाहर निकलने के ब्रिटेन के इस फैसले के बाद शनिवार को चीन की मीडिया ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए लोकतंत्र के बुरे नतीजों की ओर आगाह किया।हालांकि, चीन और ब्रिटेन के बीच का इतिहास मानवाधिकार और हांगकांग के ब्रिटिश कॉलोनी के भविष्य को लेकर काफी विवादों भरा रहा है। लेकिन, निर्यात पर निर्भर चीन ने ब्रिटेन को काफी महत्व दिया। उसकी वजह यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार का ब्रिटेन सबसे बड़ा पैरोकार रहा है।
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टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में ब्रिटेन और चीन के बीच आपसी संबंध काफी बेहतर हुए हैं और आर्थिक संबंध पहले के मुकाबले कई गुणा बढ़ा है जिसे दोनों ही देश आपसी संबंधों में “गोल्डन एज” करार दिया। इसे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने बढ़ाया था जिन्होंने जनमत संग्रह के फौरन बाद अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है।
चीन ने शुक्रवार को ब्रेक्सिट को लेकर आए नतीजे के फौरन बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ से कहा था कि जितनी जल्दी संभव हो वे दोनों समझौते को अंतिम रूप दें। इसके साथ ही चीन ने कहा कि वह ब्रिटेन की जनता के फैसले का सम्मान करता है।
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लेकिन, चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी की आधिकारिक पीपुल्स डेली की तरफ से छापे जा रहे “द ग्लोबल टाइम्स” ने इतने कम मार्जिन से हुई जीत के बाद लिए फैसले की बुद्धिमता पर सवाल उठाया है। संपादकीय में कहा गया कि क्या ब्रिटेन के भविष्य को तय करने के बारे में इस लिया गया फैसला निष्पक्ष है। अखबार ने आगे लिखा कि चीन के लोगों को वैश्विकरण और लोकतंत्र से इस कठिन समय में सीखने की जरुरत है। उन्हें खासतौर पर ब्रिटेन के लोकतांत्रिक जनमत संग्रह के बाद आनेवाले नतीजों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।