Move to Jagran APP

दुनिया को 2 लाख 10 हजार करोड़ डॉलर की चपत लगा गया Brexit

यूरोपीय यूनियन से बाहर होने का ब्रिटेन का फैसला पूरी दुनिया को बहुत भारी पड़ा है।

By Manoj YadavEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 02:47 PM (IST)
दुनिया को 2 लाख 10 हजार करोड़ डॉलर की चपत लगा गया Brexit

लंदन। यूरोपीय यूनियन से बाहर होने का ब्रिटेन का फैसला दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बहुत भारी पड़ा है। रायशुमारी के दौरान जैसे ही Brexitका पलड़ा भारी हुआ, भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों मेें हाहाकार मच गया। ग्लोबल इक्विटी मार्केट को 2.1 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 2 लाख 10 हजार करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है।

loksabha election banner

निवेशकों ने शेयर मार्केट से पैसे निकालकर सोने में लगाना शुरू कर दिया। टोक्यो और पेरिस के स्टॉक एक्सचेंज में करीब आठ फीसदी की गिरावट रही, वहीं फ्रेंकफर्ट में यह आंकड़ा सात फीसदी का रहा। लंदन और न्यूयॉर्क के बाजार तीन फीसदी से ज्यादा नीचे रहे। मुद्राओं का भी हार बुरा रहा।

...लेकिन भारत के लिए सुनहरा मौका

आशंका जताई जा रही है कि अनिश्चितता का यह दौर जारी रहेगा, क्योंकि यह तय नहीं है कि डेविड कैमरून के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन की कमान कौन संभालेगा?

पढ़ेंः ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ को कहा 'बाय-बाय', जानिए- भारत पर क्या होगा असर

बहरहाल, भारत और यहां के निवेशकों के लिए एक सुकून वाली खबर है। क्या ब्रेक्सिट भारत के लिए ब्रिटेन में नई संभावनाओं के द्वार खोल सकता है? इस बारे में फिलहाल कोई भी अनुमान लगाना शायद थोड़ी़ जल्दबाजी होगी लेकिन ये भी सच है कि ब्रिटेन भारत के लिए वैसा महसूस नहीं करता जैसा कि वो यूरोपीय यूनियन के लिए करता है।

यूनाइटेड किंगडम इंडेेपेंडेंट पार्टी के नेता नाईजेल फराग के मुताबिक, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन में भारत और भारतीयों को और सम्मान मिलेगा। नाईजेल ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में कहा कि कि उन्हें लगता है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोग अंग्रेजी बोलते हैं, यहां के कानून से वाकिफ हैं इसके अलावा यहां के कुछ लोगों से भी जुड़े हुए हैं।

पिछले साल लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन में भारतीय को मिलने वाली सुविधाओं को देखते हुए कहा था कि भारत ब्रिटेन को यूरोप में प्रवेश करने के द्वार के तौर पर देखता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद अब भारत ब्रिटेन में निवेश करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है और अब भारत को ब्रिटेन में काम करने के और भी ज्यादा मौके मिलेंगे क्योंकि भारत का ब्रिटेन से एतिहासिक संबंध रहा है।

राज्यसभा सांसद स्वपनदास गुप्ता भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें लगता है कि ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने से भारत को फायदा होगा और भारत को इस मौके को भुनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये सही समय है और इस वक्त अगर निवेश को लेकर भारत ब्रिटेन से बात करता है तो उसे ब्रिटेन सरकार की तरफ से कई सारी दूसरी सुविधाएं और छूट मिल सकती है।

पढ़ेंः ब्रेक्सिट से टाटा को एक दिन में हुआ 30 हजार करोड़ रूपये का नुकसान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.