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ऐतिहासिक दौरे पर मंगोलिया में मोदी,कई समझौतों की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद शनिवार शाम को मंगोलिया की राजधानी उलन बटोर पहुंच गए। पीएमओ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। पीएमओ ने ट्वीट में लिखा है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मंगोलिया यात्रा अब शुरू होती है। वही, पीएम

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 17 May 2015 12:01 AM (IST)Updated: Sun, 17 May 2015 06:13 AM (IST)

उलान बटोर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद शनिवार शाम को मंगोलिया की राजधानी उलन बटोर पहुंच गए। पीएमओ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। पीएमओ ने ट्वीट में लिखा है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मंगोलिया यात्रा अब शुरू होती है। वही, पीएम मोदी ने भी वहां पहुंचकर ट्वीट करते हुए हैलो किया। साथ ही, एक फोटो भी शेयर की है।

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तीन देशों की यात्रा में मंगोलिया मोदी का दूसरा पड़ाव है। मोदी मंगोलिया जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।मंगोलिया में लोकतंत्र की 25वीं सालगिरह के ऐतिहासिक मौके पर पहुंचे मोदी रविवार को पहली बार वहां की संसद को संबोधित करेंगे। यहां दो दिवसीय प्रवास के दौरान वह मंगोलिया के राष्ट्रपति साखिगिन इलबेडोर्ज से मुलाकात कर सहयोग, व्यापार और निर्माण के क्षेत्र में कई समझौते करेंगे।

मंगोलिया दौरे की शुरुआत मोदी उलान बटोर में गंदन मठ के मुख्य महंत को बोधि वृक्ष का एक पौधा भेंट करके करेंगे। वह यहा के पीएम चिमद सेखानबिलग से बातचीत करेंगे। इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। मोदी मंगोलिया की संसद के अध्यक्ष से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद मोदी राष्ट्रपति साखिगिन के साथ रात्रिभोज भी करेंगे। मोदी एक सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र की आधारशिला रखेंगे और एक नादम समारोह में हिस्सा लेंगे। उलान बटोर में मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। मंगोलिया से फिर मोदी दक्षिण कोरिया के लिए रवाना होंगे।

चीन व रूस के बीच स्थित मंगोलिया की आबादी करीब 29 लाख है, जिसमें आधे से अधिक बौद्ध हैं जबकि तीन फीसद इस्लाम, 2.2 फीसदी ईसाई व 2.9 फीसदी शामनिस्ट हैं। मंगोलिया को 'लैंड ऑफ ब्लू स्काई' के नाम से पुकारा जाता है, क्योंकि यहां करीब 250 दिन सूरज उगता है। भारत का मंगोलिया से सदियों पुराना रिश्ता रहा है।

गौरतलब है कि अशोक व उनके शिष्यों ने मंगोलिया तक बौद्ध धर्म का प्रचार किया था, जबकि मुगल बादशाह बाबर 'मंगोल सल्तनत' का संस्थापक था।

इससे पहले पीएम मोदी के मंगोलिया रवाना होते ही पीएमओ ने ट्वीट किया कि अलविदा चीन, गर्मजोशी और मेहमाननवाजी के लिए मेरी ओर से आभार। हमेशा अनुराग के साथ अपनी यात्रा को याद रखूंगा।

एक अन्य ट्वीट में पीएमओ और मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत-चीन संबंधों को और मजबूत बनाएं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में चीन में तीन दिन रुके।

मोदी ने शनिवार को शंघाई में एक बार फिर विपक्षी दलों की लगातार आलोचनाओं का विदेशी धरती से करारा जवाब दिया। अपने विदेशी दौरों के लिए विपक्ष के निशाने पर रहे मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि लगातार काम करने पर मेरी आलोचना हो रही है। अगर अधिक काम करना अपराध भी है तो भी मैं यह काम जारी रखूंगा चूंकि मेरी प्रतिबद्धता जनता के प्रति है। जर्मनी, फ्रांस व कनाडा के दौरे के बाद से लगातार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का विरोध झेल रहे प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के अपने तीन दिवसीय दौरे के समापन से पहले भारतीय समुदाय के समक्ष अपने मन की बात कह डाली।

उन्होंने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि मोदी इतने सारे देशों का दौरा क्यों कर रहे हैं।...अगर आप कम काम करते हैं तो आलोचना स्वाभाविक है। लेकिन यह मेरा दुर्भाग्य है कि मेरी आलोचना अधिक काम करने के लिए हो रही है। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर भारतीय समुदाय से पूछा कि क्या मैं किसी छुïट्टी पर गया। मैंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली है।

चीन की तरह बढ़ानी है विकास दर :

प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया की सदी है, 21वीं सदी, मान के चलो। एक साल में चाहे विश्व बैंक हो, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष हो, दुनिया की कोई भी रेटिंग एजेंसी हो -एक स्वर में भारत का सात प्रतिशत से भी ज्यादा विकास दर का अनुमान लगाया है। सारी दुनिया कह रही है कि भारत आज विश्व का सबसे तेज गति से आगे बढऩे वाला देश है। चीन की विकास दर भी पिछले 30 साल में दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ी। इसी का परिणाम था कि चीन आज नई ऊंचाइयों पर है। भारत को भी विकास दर बढ़ानी होगी। भारत को भी आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाना होगा।

दुख भरे दिन बीते रे भइया... :
मोदी ने शंघाई में चीनी उद्योगपतियों व विद्यार्थियों को यकीन दिलाया कि भारत में अच्छे दिन की शुरुआत हो चुकी है। भारतीयों से उन्होंने कहा कि दुख भरे दिन बीते रे भइया....। उद्योगपतियों से कहा कि भारत में परिवर्तन की बयार चल रही है, आइये निवेश कीजिए। फूदान यूनिवर्सिटी में चीनी विद्यार्थियों से कहा कि ज्ञान के आधार पर बने संबंधों से पीढिय़ों का कल्याण होता है। भारत व चीन मिल जाएं तो दुनिया की एक तिहाई हिस्सा संकट मुक्त हो सकता है।

यह मेरा दुर्भाग्य है कि ज्यादा काम करने पर मेरी आलोचना हो रही है। यदि ज्यादा काम करना अपराध है तो मैं यह अपराध करता रहूंगा।

-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

22 अरब डॉलर के करार :-
भारत और चीन की कंपनियों के बीच शनिवार को शंघाई में 22 अरब डॉलर से अधिक के 26 करार हुए हैं। इनमें अडानी समूह, भारती एयरटेल और वेलस्पन की ओर से किए गए समझौते भी शामिल हैं।

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