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239 लोगों के साथ विमान समुद्र में समाया, पांच भारतीय भी थे सवार

कुआलालंपुर। मलेशिया एयरलाइंस के विमान बोइंग 777 के समुद्र में समाने की आशंका है। ये विमान क्वालालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ा था। दो घंटे बाद ही लापता हो गया। विमान में चालक दल के 12 सदस्यों समेत 239 लोग सवार थे। इसके वियतनाम के समुद्र में गिरने की बात कही जा रही है।

By Edited By: Published: Sat, 08 Mar 2014 07:50 AM (IST)Updated: Sat, 08 Mar 2014 09:21 PM (IST)

कुआलालंपुर। मलेशिया एयरलाइंस के विमान बोइंग 777 के समुद्र में समाने की आशंका है। ये विमान क्वालालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ा था। दो घंटे बाद ही लापता हो गया। विमान में चालक दल के 12 सदस्यों समेत 239 लोग सवार थे। इसके वियतनाम के समुद्र में गिरने की बात कही जा रही है।

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विमान ने शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात 12.41 बजे कुलालालंपुर से उड़ान भरी। उडान के एक घंटे बाद जब वह करीब 35,000 हजार फीट की ऊंचाई पर था तब आखिरी बार रडार पर दिखा। फिर संपर्क टूट गया। उसे सुबह साढ़े छह बजे बीजिंग पहुंचना था। विमान 777-200 फ्लाइट एमएच 370 में 14 देशों के यात्री शामिल थे, जिसमें पांच भारतीय भी थे।

17 घंटे तक बड़े पैमाने पर मलेशिया और वियतनाम के बीच सघन तलाश के बाद भी इसका कोई पता नहीं लग पाया। मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने कुआलालंपुर में कहा कि मलेशिया ने विमान की तलाश में 15 वायुसेना विमान, छह नौसैनिक जहाज और तीन तटरक्षक नौकाओं की सेवाएं लीं लेकिन कुछ पता नहीं चला। चीन और फिलीपीन्स ने भी इस क्षेत्र में जहाज भेजे। अमेरिका और सिंगापुर के सैन्य विमानों को भी मदद के लिए रवाना किया गया। सारी कोशिशें बेकार गईं।

वियतनामी मीडिया ने एक वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी के हवाले से कहा कि विमान दक्षिणी वियतनाम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बाद में वियतनाम के एडमिरल नगो वान फाट ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दुर्घटनास्थल की पहचान कर ली गई है।

बीजिंग एयरपोर्ट पर विमान में सवार चीनी यात्रियों के परिजनों का बुरा हाल है। विमान में सबसे ज्यादा 154 चीनी यात्री सवार थे।

अमेरिका में निर्मित बोइंग777 विमान की 19 सालों में ये सबसे बड़ी दुर्घटना है। जेट ने वर्ष 1995 में विमान निर्माण क्षेत्र में कदम रखा था। मलेशिया एयरलाइंस 11 सालों से इस विमान का उपयोग कर रही थी।

एयर फ्रांस का एक विमान ठीक इसी तरह एक जून 2009 में दक्षिणी अटलांटा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 228 लोगों की मौत हुई थी। दो दिन बाद विमान के अवशेषों का पता चला।

मलेशिया एयरलाइंस के विमान को उड़ा रहे कैप्टन जाहिरी अहमद शाह को 18,365 घंटे की उड़ान का अनुभव था। वह 1981 में एयरलाइंस से जुड़े थे।

विमान में सवार भारतीय

बीजिंग में भारतीय दूतावास को मिली जानकारी के मुताबिक विमान में सवार भारतीयों की पहचान चेतना कोलेकार, स्वानंद कोलेकार, सुरेश कोलेकार, चंद्रिका शर्मा और प्रहलाद श्रेष्ठा के तौर पर हुई है। विमान में भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक मुकेश मुखर्जी भी सवार थे।

विमान के मिलने की दुआ कर रहा भारतीय परिवार

लापता मलेशियाई विमान में सवार पांच भारतीयों में से एक गैरसरकारी संगठन मेंकार्यरत 51 वर्षीय चंद्रिका शर्मा भी शामिल हैं। वह कुआलालंपुर से मंगोलिया में आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रही थीं। खाद्य और कृषि संगठन द्वारा आयोजित यह सम्मेलन शनिवार को होना था। वह 'इंटरनेशनल कलेक्टिव इन सपोर्ट ऑफ फिशवर्कर्स' में कार्यकारी सचिव के तौर पर कार्यरत हैं।

यहां पर उनके पति मैनेजमेंट कंसल्टेंट केएस नरेंद्र को जब विमान के लापता होने की खबर मिली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। आसइसीएसएफ के एन वेणुगोपाल ने बताया कि उनका परिवार बेहद दुखी है। चंद्रिका मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। 1993 में तमिलभाषी नरेंद्र के साथ शादी करने के बाद से वह चेन्नई में रह रही हैं। दपंति की एक बेटी है जो दिल्ली में पढ़ रही है।

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