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लार्ड पॉल ने की ब्रिटिश वीजा नीति की आलोचना

लंदन। भारतीय छात्रों को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बयान के एक दिन बाद मशहूर प्रवासी भारतीय उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल ने ब्रिटेन की प्रतिबंधात्मक छात्र वीजा नीति की जमकर आलोचना की है। कैमरन ने कहा था कि ब्रिटेन में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों के लिए कोई संख्या सीमा नहीं है।

By Edited By: Published: Fri, 15 Nov 2013 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2013 04:38 PM (IST)

लंदन। भारतीय छात्रों को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बयान के एक दिन बाद मशहूर प्रवासी भारतीय उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल ने ब्रिटेन की प्रतिबंधात्मक छात्र वीजा नीति की जमकर आलोचना की है। कैमरन ने कहा था कि ब्रिटेन में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों के लिए कोई संख्या सीमा नहीं है।

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'इंडो-ब्रिटिश रिलेशन : द वे फार्वर्ड' कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर व्याख्यान देते हुए लार्ड पॉल ने कहा, दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ छात्र पढ़ाई के लिए कनाडा, ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका का रुख कर रहे हैं। ब्रिटेन उनके लिए प्रतिकूल जगह बनता जा रहा है। हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान खो रहे हैं। गुरुवार रात अपने भाषण में पॉल ने कहा, अगर ब्रिटेन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शक्ति बने रहना चाहता है, तो हमें दुनियाभर से छात्रों का स्वागत करना होगा। अगर हम ऐसा नहीं करते है, तो हम अपना प्रभाव और प्रतिस्पर्धी स्थिति खो देंगे।

दो ब्रिटिश यूनिवर्सिटीज वॉल्वर हैम्पटन और बेस्टमिंस्टर के चांसलर लार्ड पॉल ने कहा, ब्रिटेन की छात्र वीजा नीति में बदलाव का मुख्य उद्देश्य उच्च क्षमता वाले छात्रों को पढ़ाई के लिए आकर्षित करना था। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। विशुद्ध प्रवासी आंकड़ों से छात्रों को हटाने के लिए आव्रजन नीति में बदलाव कर हम दुनिया को दिखा सकते हैं कि ब्रिटेन के दरवाजे सभी देशों के मेहनती छात्रों के लिए खुले हैं। पढ़ाई के बाद हमें छात्रों को कम से कम दो साल ब्रिटेन में काम करने के अवसर प्रदान करने चाहिए।

लार्ड पॉल को अंतरराष्ट्रीय सम्मान : मशहूर प्रवासी भारतीय उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल को उद्योग, शिक्षा और मानवता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यहां 'इंटरनेशनल इंडियन ऑफ द डिकेड' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पॉल को यह पुरस्कार इंडिया लिंक इंटरनेशनल पत्रिका की 20वीं सालगिरह के मौके पर ब्रिटेन में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त वीरेंद्र पॉल के हाथों प्रदान किया गया। इंडिया लिंक इंटरनेशनल एक मासिक पत्रिका है।

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