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भारतीय बच्चों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की अधिक जरूरत

लंदन। प्रवासी भारतीय उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने कहा है कि भारत को बच्चों के बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं और कल्याण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। खासतौर से कुपोषण, शिशु और मातृ मृत्युदर जैसे मसलों पर। उन्होंने यह बात सोमवार को रॉयल कॉलेज ऑफ पीडिएट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ [आरसीपीसीएच] और इंडियन एकेडमी ऑफ

By Edited By: Published: Tue, 12 Nov 2013 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2013 05:55 PM (IST)
भारतीय बच्चों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की अधिक जरूरत

लंदन। प्रवासी भारतीय उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने कहा है कि भारत को बच्चों के बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं और कल्याण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। खासतौर से कुपोषण, शिशु और मातृ मृत्युदर जैसे मसलों पर। उन्होंने यह बात सोमवार को रॉयल कॉलेज ऑफ पीडिएट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ [आरसीपीसीएच] और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक्स [आइएपी] के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान कही।

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उन्होंने कहा कि मेरे विचार से भारत को अन्य देशों की अपेक्षा अपने बच्चों की भलाई और उनके स्वास्थ्य देखभाल पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेषतौर पर गांवों में कुपोषण, शिशु और मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक है जिससे निपटने के लिए सभी संसाधनों को समन्वित किया जाना चाहिए। यही नहीं हमें इन गांवों में महिला शिक्षा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। एक दिवसीय भारतीय उपमहाद्वीप और ब्रिटेन के बीच बढ़ते वैज्ञानिक सहयोग विषयक सम्मेलन में पॉल ने कहा कि बच्चों की प्राथमिक देखभाल करने वालों के रूप में उसकी मां, दादी, चाची और बहनों के माध्यम से उनमें स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

यूनिसेफ के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर के तीन कुपोषित बच्चों में से एक भारत का होता है जबकि पांच वर्ष के अंदर के 42 फीसद बच्चे सामान्य से कम वजन के होते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के 58 फीसद बच्चों का विकास समुचित रूप से नहीं हो पाता है।

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