Move to Jagran APP

शरणार्थी समस्या से निपटने में भारत से सबक ले यूरोप

शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोप को आस्‍ट्रिया ने भारत से सीख लेने की सलाह देते हुए कहा है कि हाय-तौबा मचाने से बेहतर है कि उनसे मिलकर बात कर लें।

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 03:03 PM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 03:59 PM (IST)

वियेना, प्रेट्र। यूरोप को सलाह देते हुए ऑस्ट्रिया ने शरणार्थियों की समस्या पर हाय-तौबा मचाने से मना किया है। ऑस्ट्रिया ने यूरोप को शरणाथियों से तालमेल बैठाने में भारत से सबक लेने को कहा है, जहां विभिन्न देशों के लाखों लोग शांति से रह रहे हैं।

loksabha election banner

मिस्र से इटली जा रहे 400 शरणार्थियों के भूमध्यसागर में डूबने की आशंका

ऑस्ट्रिया के के विदेश मंत्रालय में विदेश नीति मामलों के प्रमुख हरबर्ट क्रॉस के मुताबिक उन्हें भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत का मौका नहीं मिला है। लेकिन उन्होंने सुना और समझा है कि भारत में तमाम संभावनाएं मौजूद हैं। इसलिए वह हमारा अच्छा रणनीतिक सहयोगी बन सकता है। यह बात उन्होंने भारतीय पत्रकारों से मुलाकात में कही। क्रॉस ने कहा, जहां तक शरणार्थियों की समस्या का सवाल है तो भारत ने बांग्लादेशी शरणार्थियों की समस्या का लंबे समय तक सामना किया है। आज भी लाखों शरणार्थी भारत में हैं जिनमें बांग्लादेशियों की संख्या सर्वाधिक है। इसलिए यूरोप को उसके अनुभव का लाभ उठाना चाहिए। इससे शरणार्थियों की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। अनुभवों की यह साझेदारी भारत और यूरोप, दोनों के लिए फायदेमंद होगी।

शरणार्थियों ने पोप के हाथ-पांव पकड़ मदद की गुहार लगाई

क्रॉस ने कहा, शरणार्थियों की समस्या ऐसी है जिसका यूरोप ने पहले कभी सामना नहीं किया। यह धीरे-धीरे बढ़ रही है और बड़ा रूप ले रही है। यह समस्या हमारी घरेलू नीतियों और रहन-सहन के तरीकों को प्रभावित कर रही है। इसलिए अब इससे व्यवस्थित तरीके से निपटे जाने की जरूरत है। अकेले ऑस्टि्रया में ही प्रतिवर्ष करीब 38 हजार शरणार्थी बढ़ रहे हैं। यह देश के आर्थिक और सामाजिक वातावरण पर विपरीत असर डाल रहे हैं। पूरे यूरोप में यह समस्या अभी ज्यादा गंभीर नहीं है। वहां की कुल आबादी करीब 50 करोड़ है। ऐसे में उसमें शामिल देश 20-30 लाख शरणार्थियों को समाहित कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.