चीन और रूस दक्षिण चीन सागर में करेंगे नौसैन्य अभ्यास
स्वदेशी मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करेगा चीनचीन ने स्वदेशी मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की बात कही है।
बीजिंग, रायटर : चीन ने विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में रूस के साथ नौसैन्य अभ्यास करने की घोषणा की है। अभ्यास सितंबर में किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद तनावग्रस्त क्षेत्र में दोनों देशों का यह पहला सैन्य अभ्यास होगा।
चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि यह आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। किसी तीसरे देश से इसका कोई संबंध नहीं है। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज कर चुका है। चीन ने इस फैसले को मानने से इन्कार किया है। रूस ने चीन के रुख का समर्थन किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता यांग युजुन ने कहा, 'दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच यह नियमित अभ्यास होगा। इससे रणनीतिक सहयोग को मजबूत किया जाएगा। इससे किसी भी तरह के खतरों से निपटने के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को कायम रखने में भी मदद मिलेगी।' दोनों देश जापान सागर और भूमध्यसागर में भी इस तरह के अभ्यास कर चुके हैं। स्वदेशी मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करेगा चीनचीन ने स्वदेशी मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की बात कही है।
बीजिंग के इस फैसले को दक्षिण कोरिया में अमेरिका द्वारा टर्मिनल हाई अल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) लगाने के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका ने उत्तर कोरिया के खतरे को देखते यह प्रणाली तैनात करने की बात कही है। चीन और रूस इस कदम का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
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