लादेन के खात्मे के बाद भी अल-कायदा हुआ मजबूत : रिपोर्ट
ओसाना बिन लादेन के मारे जाने के बाद भी अल-कायदा कमजोर नहीं हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंक का खेल खेलने के लिए वो लगातार काम कर रहा है।
नई दिल्ली। कुख्यात आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद क्या अल-कायदा कमजोर हुआ है ? क्या अल-कायदा आतंकियों के हमलों में कमी आई है? या वो नए तरीके से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लादेन के मारे जाने के बाद भी अल कायदा आतंकी दहशतगर्दी का नंगा नाच कर रहे हैं।
यमन युद्ध से धनी और मजबूत हुआ अल कायदा
वर्ष 2012 से लेकर 2015 तक की आतंकी वारदातों से ये साफ है कि अल-कायदा पहले की ही तरह दहशत का पर्याय बना हुआ है। सिलसिलेवार आतंकी वारदातों की ये घटनाएं अल-कायदा की मजबूती की कहानी बयां करती हैं।
सितंबर 2012-
लीबिया में बेनगाजी शहर में अमेरिकी कंसुलेट पर अल कायदा आतंकियों ने हमला किया और चार अमेरिकी नागरिक मारे गए। इसके अलावा मिडिल इस्ट और अफ्रीका के कई मुल्कों में अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाया। जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
जनवरी 2013-
फ्रांस और गठबंधन सेनाओं के उत्तरी माली में मगरेब हमलों के विरोध में अलकायदा ने पांच दिन बाद ही अल्जीरिया के पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स पर निशाना बनाया। जिसमें चालीस लोगों को अलकायदा आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया। हमले का आरोपी अभी भीा पुलिस गिरफ्त से बाहर है। इसके अलावा बामको और इवोरो कोस्ट में हमलों को अंजाम दिया गया।
अप्रैल 2013-
अल-नुसरा फ्रंट और आइएस के साथ अल-कायदा ने गठबंधन किया। और सीरिया में अमेरिकी गठबंधन सेनाओं के खिलाफ सक्रिय तौर पर अपनी भूमिका निभा रहा है।
जून 2014-
इराक में आइएस को मदद करने के लिए अल कायदा सक्रिय तौर पर सामने आया। इसके अलावा सितंबर 2014 में भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए अल जवाहिरी ने एक नए संगठन के निर्माण का एलान किया।
जनवरी 2015 -
फ्रांस में शार्ली हेब्दो के दफ्तर पर आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। वैसे तो उस हमले की जिम्मेदारी आइएस ने ली थी। लेकिन अल-कायदा के आतंकियों की भी सक्रिय भूमिका थी।
अप्रैल 2015-
यमन में अल-कायदा आतंकियों ने मुकल्ला शहर पर कब्जा करने की पुरजोर कोशिश की । अपने इस अभियान में सऊदी सेना का आतंकियों ने जमकर मुकाबला किया। इसके अलावा सोमालिया में अल-कायदा लड़ाकों पर अमेरिका ने हवाई हमला किया जिसमें 150 से ज्यादा आतंकियों की मौत हो गई। पेंटागन ने कहा था कि आतंकी बड़े हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे।
अगस्त 2015-
अल-कायदा सरगना जवाहिरी ने कहा कि वो अमेरिकी सेना का मुंहतोड़ मुकाबला करने के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं। इसके लिए जवाहिरी ने तालिबान के नए प्रमुख अख्तर मंसूर से हाथ मिला लिया है।
बताया जाता है कि अल- जवाहिरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में कहीं छिपा हुआ है। जवाहिरी के खात्मे के लिए अमेरिकी सेना लगातार अभियान चला रही है।