ब्रिटिश साहित्य पुरस्कार की दौड़ में भारतीय मूल के चार लेखक
भारतीय मूल के चार लेखक ब्रिटेन के प्रतिष्ठित साहित्य पुरस्कार की दौड़ में शामिल हैं। 80 लेखकों की इस लंबी सूची में कोलकाता में जन्मे नील मुखर्जी भी हैं जो इस साल का बुकर पुरस्कार जीतने से चूक गए थे। मुखर्जी के अलावा भारतीय मूल के तीन अन्य लेखक इस
लंदन। भारतीय मूल के चार लेखक ब्रिटेन के प्रतिष्ठित साहित्य पुरस्कार की दौड़ में शामिल हैं। 80 लेखकों की इस लंबी सूची में कोलकाता में जन्मे नील मुखर्जी भी हैं जो इस साल का बुकर पुरस्कार जीतने से चूक गए थे। मुखर्जी के अलावा भारतीय मूल के तीन अन्य लेखक इस सूची में शामिल किए गए हैं।
अमेरिका के अखिल शर्मा को उनकी पुस्तक 'फैमिली लाइफ' जबकि कश्मीरी पत्रकार और लेखक मिर्जा वहीद को 'द बुक ऑफ गोल्ड लीव्स' के अलावा जेरी पिंटो को उनकी किताब 'एम एंड बिग हूम' के लिए 2015 के फोलियो प्राइज के लिए इस सूची में शामिल किया गया है।
मुखर्जी इस साल के बुकर पुरस्कार की दौड़ में शामिल थे। उन्हें उनकी पुस्तक द लाइव्स ऑफ अदर्स के लिए बुकर पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, लेकिन वह पुरस्कार जीत नहीं सके थे। फोलियो प्राइज के लिए ब्रिटिश लेखक विलियम फिएंस की अध्यक्षता में बनी समिति अंतिम आठ लेखक के नामों की घोषणा अगले साल 9 फरवरी को करेगी। इस पुरस्कार के विजेता लेखक की 23 मार्च को घोषणा की जाएगी।