जनहित में जेल जाना पड़ा तो तैयार: हरीश रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह जनहित में कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि किसी भी जांच से घबराना नहीं है। संयम के साथ काम करना है।
देहरादून।मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग की सीबीआइ जांच को कांग्रेस सियासी मुद्दा बनाएगी। हालांकि, सात जून को सीबीआइ के समक्ष दूसरी बार पेशी के दिन उत्तराखंड बंद के फैसले को पार्टी ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुरोध पर वापस ले लिया। अलबत्ता, यह तय हुआ कि मुख्यमंत्री को जेल में बंद करने की कोशिश हुई तो पार्टी चुप नहीं बैठेगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा उनके खिलाफ साजिश के तहत सीबीआइ जांच करा रही है। जनता के हित में काम करने पर जेल भी जाना पड़ा तो वह तैयार हैं।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों,फ्रंटल संगठनों, विभागों एवं प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की गुरुवार को राजीव भवन में हुई बैठक में दो प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित तो किए गए, लेकिन बाद में उन्हें वापस ले लिया गया। कमेटी ने सात जून को मुख्यमंत्री की सीबीआइ के समक्ष पेशी के दिन उत्तराखंड बंद रखने का प्रस्ताव पारित किया। बैठक में देर से पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश कमेटी के प्रस्तावित बंद के फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार धाम यात्रा चल रही है।
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कई महत्वपूर्ण विकास कार्य हो रहे हैं। पार्टी बंद की राजनीति करेगी तो राज्य के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जन हित में कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि किसी भी जांच से घबराना नहीं है। संयम के साथ काम करना है। उन्हें सरकार की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ और केंद्र सरकार के अन्याय का जवाब देने का फैसला वह जनता और कार्यकर्ताओं पर छोड़ते हैं। भाजपा की साजिश से सजग रहने की आवश्यकता है। इसके लिए जनता के बीच जाकर भाजपा के कुटिल मंसूबों का जवाब देना होगा। भाजपा और मोदी सरकार राजनीति में जिस तरह सीबीआइ का इस्तेमाल कर रही है, उसका जवाब राजनीति से ही देना होगा।
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बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव भी पारित हुआ, लेकिन किशोर उपाध्याय ने इसे पार्टी हाईकमान का अधिकार क्षेत्र बताते हुए इस प्रस्ताव को वापस लेने को कहा। बाद में उक्त दोनों प्रस्ताव वापस ले लिए गए। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह लोकतंत्र को बचाया है, उससे देशभर में विपक्षी दलों की कई राज्य सरकारों को जीवनदान मिला है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल को विफल करार दिया और कार्यकर्ताओं से जनता के बीच इस विफलता को सामने रखने पर जोर दिया।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पार्टी पर आए संकट का कार्यकर्ताओं ने एकजुटता से मुकाबला किया है। गांव-गांव, बूथ स्तर पर जाकर भाजपा के लोकतंत्र विरोधी चेहरे का पर्दाफाश किया जाएगा।
बैठक में प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर, विधायक सरिता आर्य, राजकुमार, राजेंद्र शाह, धीरेंद्र प्रताप, प्रेमानंद महाजन, गरिमा दसौनी, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, रामविलास रावत, तरुण पंत, शकुंतला दत्ताल, मास्टर सतपाल, प्रमोद कुमार सिंह, शंकरचंद रमोला, अब्दुल रज्जाक, चौ महेंद्र सिंह, सूर्यकांत धस्माना ने विचार रखे।