Move to Jagran APP

'नकली पुलिस' बनकर सोने के कंगन लूटने आया, छड़ी से पीट-पीटकर सिखाया ऐसा सबक...

आरोपी ठग को तब तक एहसास हो चुका था कि उसने क्या गलती की है। इससे पहले कि वह भाग पाता भीड़ ने उसे पकड़ लिया

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Wed, 18 May 2016 01:51 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2016 03:51 PM (IST)

इस तस्वीर में जिस बुजुर्ग महिला को आप देख रहे हैं। इन्हें देखकर आपको एक नज़र में भले ही लग रहा हो कि ये कमज़ोर सी सीधी-सादी महिला हैं। लेकिन इन्होंने अपनी हिम्मत से एक ऐसा काम किया है, जिसे जानकर आप भी इनकी दाद देंगे।

loksabha election banner

81 वर्षीय पुष्पाबेन धामजी भल्ला मुंबई के दादर में रहती हैं। बुधवार की सुबह करीब 10 बजे वह जीडी अंबेडकर रोड पर अपने घर से बाहर आईं। वह धीमे धीमे कदमों से एक छड़ी की मदद से चलकर आगे बढ़ रही थीं। उन्हें ज्यादा दूर तो नहीं सिर्फ कॉम्प्लेक्स के पास हनुमान मंदिर तक ही जाना था। तभी इलाके में मौजूद एक अजनबी ठग की नज़र उनपर पड़ी। उन्हें अकेला देखकर ठग को लगा कि वह आसानी से उसका निशाना बन सकती हैं। जैसे ही वह सोसाइटी गेट पर पहुंची, अजनबी उनके सामने आया और कहा कि वह एक पुलिसवाला है।

पढ़ें- इस युवती ने इस्तेमाल किया GPS और कार समेत पहुंच गई झील में

ठग ने उनसे कहा, "मांजी, हमलोग क्राइम ब्रांच से हैं। सिविल में घूमकर पैट्रोलिंग करते हैं।" उसने एक आईडी कार्ड भी दिखाया। लेकिन वह तो कोई पुलिसवाला था ही नहीं। उसने बुजुर्ग महिला से कहा, कि वह काफी संवेदनशील जगह पर हैं। इसलिए उन्हें अपने सोने के कंगन निकालकर उसके बैग में रख देने चाहिए।

पढ़ें- जानना चाहती थी अपना बर्थडे सरप्राइज, तो इस बच्ची ने की बहुत ही प्यारी हरकत

मिड-डे की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंगनों की कीमत करीब 50,000 रुपए थी। ठग ने कहा कि एक बार आप इस खतरनाक इलाके से बाहर निकल जाएं, तभी वह कंगन उन्हें वापस लौटा देगा। पुष्पाबेन ने बताया, "मुझे उसकी मंशा पर पहले ही शक हुआ। मैंने उससे कहा कि मुझे अकेला छोड़ दो। मुझे किसी की सुरक्षा की जरूरत नहीं। मैं अपना ध्यान खुद रख सकती हूं।"

तभी पुष्पाबेन ने गौर किया कि ठग अकेला नहीं है। उसके दो और साथी पास में ही मौजूद एक टैक्सी में उसका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बताया, "वह बार बार मुझे मनाने की कोशिश कर रहा था। जब मैंने मना किया वह थोड़ा उतावला हो गया और मुझे ऐसा करने के लिए जोर देने लगा। लेकिन मैं दृढ़ थी। मैंने उसका कहना मानने से मना कर दिया। जब उसने मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश की। मैंने उसे अपनी छड़ी से जोर-जोर से तीन चार बार मारा।"

पढ़ें- सिर्फ यहां और कहांः दिल्ली मेट्रो में होने वाली एनाउंसमेंट के पीछे हैं इनकी आवाजें

इसी बीच एक सब्जी वाले ने उनके झगड़े को देखा। वह अपने ठेले के साथ सड़क की दूसरी ओर खड़ा था। वह पुष्पाबेन की मदद के लिए दौड़ा। जल्दी ही, वहां से गुजरने वाले लोग भी रुक गए और देखने लगे कि मामला क्या है? जब उन्होंने पूछताछ करना शुरू किया, आरोपी ठग को तब तक एहसास हो चुका था कि उसने क्या गलती की है। इससे पहले कि वह भाग पाता भीड़ ने उसे पकड़ लिया। तुरंत ही पुलिस को बुलाया गया।

हालांकि, सुबह सुबह के अच्छे मूड के बाद पुष्पाबेन को थोड़ा परेशान होना पड़ा, क्योंकि उनके सोने के कंगन अब असली पुलिस के पास हैं। वह पूछती रहीं, "वो मेरे कंगन क्यों ले गए हैं? कब लौटाएंगे?"

पढ़ें- जज ने सुनाई फांसी की सजा, फिर अपराधी से कहा निर्दोष हुए तो जन्नत में जाओगे

जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घटना से वह डरीं तो नहीं? इसपर उन्होंने कहा, "मुझे बिल्कुल डर नहीं है। अगर ऐसा फिर से होता है, तो मैं फिर यही करूंगी। ठगों की छड़ी से पिटाई करूंगी।"

ठग की असल पहचान अली रज़ा अजीज़ जाफरी नाम से हुई है। वह अमबीवली का रहने वाला है। पुष्पाबेन के इस हिम्मत भरे उदाहरण की पुलिस के साथ साथ आसपास के लोग काफी तारीफ कर रहे हैं। नकली पुलिस से कैसे निपटा जाए इसकी उन्होंने एक मिसाल पेश की है। उनकी इस हिम्मत पर परिवार के सदस्य काफी खुश हैं।

रोचक, रोमांचक और जरा हटके खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.