Move to Jagran APP

संघ सहकार्यवाह ने कहा, अंबेडकर और हेडगेवार समान

संघ परिवार ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अपने संस्थापक केबी हेडगेवार के समकक्ष दर्जा दे दिया है। अंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस में नंबर दो स्थान रखने वाले सहकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि अंबेडकर और हेडगेवार दोनों ने समाज के

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2015 12:17 AM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2015 07:44 AM (IST)
संघ सहकार्यवाह ने कहा, अंबेडकर और हेडगेवार समान

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संघ परिवार ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अपने संस्थापक केबी हेडगेवार के समकक्ष दर्जा दे दिया है। अंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस में नंबर दो स्थान रखने वाले सहकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि अंबेडकर और हेडगेवार दोनों ने समाज के रोगों का निदान करने का काम किया।

loksabha election banner

अंबेडकर की हमेशा अनदेखी की गई। उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया लेकिन समाज के प्रति कभी विद्रोही रवैया नहीं अपनाया। उन्होंने दोनों नेताओं को समान विचारधारा का बताते हुए कहा कि दोनों ही अनुच्छेद 370 खत्म करने के समर्थन में थे। उन्होंने विभाजन के बाद मुस्लिम आबादी को पूरी तरह से हस्तांतरित करने का समर्थन किया था।

संघ के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने आर्गेनाइजर के लेख में लिखा कि अंबेडकर को संशय था कि भारतीय मुसलमान भारत को अपनी मातृभूमि समझेंगे। वह इसलिए विभाजन के बाद मिस्र और बुल्गारिया की तर्ज पर मुस्लिम आबादी को पूरी तरह से सीमा पार भेजने के पक्षधर थे।

गौरतलब है कि अंबेडकर की विरासत पर दावे के मजबूत करने के लिए आरएसएस के मुखपत्र पा†चजन्य और आर्गेनाइजर ने विशेष अंक प्रकाशित किया है। जर्मनी के दौरे के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 'जय भीम' के नारे के साथ बाबा साहब को नमन किया है।

भैयाजी जोशी ने बाबा साहेब के साथ आरएसएस के मतभेदों को उजागर करने की कांग्रेस की कोशिश पर भी तीखा कटाक्ष किया। जोशी ने कहा कि अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न दिया गया। मदर टेरेसा को अंबेडकर से 10 साल पहले भारत रत्न देने के कांग्रेस के तत्कालीन सरकारों के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे, लेकिन इसके लिए उन्होंने संघर्ष का रास्ता नहीं अपनाया। भैयाजी जोशी के अनुसार यदि समाज अंबेडकर के सिद्धांतों पर चले तो मौजूदा समय में देश की सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

भैयाजी जोशी आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य और आर्गेनाइजर के विशेषांक के लोकार्पण के मुख्य कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वैसे पूरे देश में ऐसे छोटे-बड़े 250 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। जानकारों का मानना है कि अंबेडकर जयंती पर आरएसएस का यह अब तक सबसे बड़ा आयोजन है। इसे दलित समाज को संघ परिवार से जोड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

डॉ.अंबेडकर युग पुरुष हैं जो करोड़ों भारतीयों के दिलों में वास करते हैं। आइये हम सब देश को अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध करें। एक ऐसा भारत जिस पर उन्हें गर्व हो।

-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

कांग्रेस और भाजपा का अंबेडकर प्रेम नाटक है। हमारे मतदाताओं को इनसे सावधान रहना चाहिए।

-मायावती, बसपा सुप्रीमो

पढ़ें : ...तो राजनीति से ले लूंगी संन्यास : मायावती

पढ़ें : अंबेडकर जयंती: बाबा साहेब को नमन, दिग्गजों ने किए श्रद्धासुमन अर्पित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.