कहां हैं इराक में अगवा भारतीय, जिंदा हैं भी या नहीं ?
इराक में अगवा 39 भारतीय जिंदा हैं या नहीं सरकार के लिए यह एक कठिन सवाल है। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक इस सवाल का जवाब कोई दे सकता है तो वो है हरजीत मसीह। हरजीत भी अगवा भारतीयों के उसी दल में था, लेकिन वह बचकर भाग
नई दिल्ली। इराक में अगवा 39 भारतीय जिंदा हैं या नहीं सरकार के लिए यह एक कठिन सवाल है। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक इस सवाल का जवाब कोई दे सकता है तो वो है हरजीत मसीह। हरजीत भी अगवा भारतीयों के उसी दल में था, लेकिन वह बचकर भाग आया था। दस महीने गुजर जाने के बाद भी वह न तो घर पहुंचा है और न ही अबतक सामने आय़ा है।
इराक में आइएस के आतंकियों ने जिन 40 भारतीय मजदूरों को अगवा किया था। उनमें से सिर्फ एक जिंदा बच गया और वह था हरजीत मसीह। एक हिंदी समाचार चैनल ने इस बात का खुलासा किया था। इस खुलासे के बाद पूरे देश में हडकंप मच गया और फिर भारत सरकार ने भी यह माना कि अगवा हुए 39 भारतीयों के जिंदा होने या मारे जाने के सबूत नहीं है। यह जवाब सिर्फ आइएस के चंगुल से भाग निकले भारतीय हरजीत मसीह के पास है।
हरजीत के इस दावे पर उसके घरवालों ने भी अपना मुहर लगाया था। उनका कहना कहा था कि उनकी हरजीत से बात हुई है। उसने खुद आतंकियों के चुंगल से भागने की कहानी उन्हें सुनाई। हरजीत के घरवाले अब भी कह रहे हैं कि भारतीय दूतावास के कर्मचारी हरजीत से उनकी बात तो कराते हैं, लेकिन वह कब लौटेगा यह उन्हें नहीं मालूम।
सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अगर हरजीत भारत सरकार के संरक्षण में सुरक्षित है तो उसे घर क्यों नहीं भेजा जा रहा है। सरकार उसे क्यों छुपा रही है। सवाल यह भी है कि हरजीत मसीह वह इकलौता भारतीय मजदूर है जिसके बारे में बांग्लादेशी चश्मदीदों ने भी बताया था कि अपहरण की रात बाकी 39 भारतीय मजदूरों के साथ था।हरजीत मसीह ही वो शख्स है जो ये पूरी कहानी जानता है कि आइएस के चंगुल में फंसे बाकी 39 भारतीयों का क्या हुआ। ऐसे में अब सवाल है कि भारत सरकार हरजीत को सामने क्यों नहीं ला रही ताकि वह सच का खुलासा कर सके।