अगस्ताः रिश्वत पाने वालों के नामों का खुलासा करने पर अड़ी TMC, सांसद सस्पेंड
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में घूस लेने वालों का खुलासा करने की मांग के चलते आज तृणमूल कांग्रेस के सांसद को सदन से निष्कासित करना पड़ गया।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। अगस्ता मामले में तृणमूल कांग्रेस के रुख से कांग्रेस की मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। राज्यसभा में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस ने सरकार से अगस्ता सौदे में रिश्वत पाने वालों के नाम उजागर करने की मांग की। पार्टी सदस्य सुखेंदु शेखर राय इस पर इतना अड़ गए कि सभापति को उन्हें दिनभर के लिए सदन से निष्कासित करना पड़ा।
सोमवार को उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान तृणमूल के सुखेंदु शेखर राय ने अगस्ता का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से रिश्वत पाने वालों के नाम उजागर करने की मांग की और पूछा कि आखिर ये एपी कौन है, गांधी कौन है, शशिकांत कौन है? उन्होंने नियमित कार्यवाही को स्थगित कर इसी मुद्दे पर चर्चा कराए जाने तथा सदन में मौजूद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से बयान देने का भी अनुरोध किया। लेकिन कुरियन ने उनकी मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि शून्यकाल में कार्यवाही स्थगित करने का कोई नियम नहीं है।
जब प्रश्नकाल प्रारंभ हुआ तो राय ने फिर से वही मुद्दा छेड़ते हुए सरकार के बयान की मांग कर दी। इस पर सभापति हामिद अंसारी ने उन्हें बताया कि आपका नोटिस नामंजूर हो चुका है और हर चीज रिकार्ड में नोट हो रही है। उन्होंने राय को अनधिकृत तौर पर बोलने से मना किया। लेकिन जब राय नहीं माने तो अंसारी ने उन्हें नियम 255 का हवाला देते हुए सदन से निष्कासित करने की चेतावनी दी। जब इसका भी कोई असर नहीं हुआ तो अंतत: उन्होंने राय को दिन भर के लिए सदन से निष्कासित कर दिया।
इससे पहले शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस ने केजी बेसिन गैस परियोजना पर कैग रिपोर्ट का मुद्दा उठाया। मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की आशंका जताई गई है। आनंद शर्मा ने भी इसका समर्थन किया और सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
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कैग रिपोर्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते एलान किया था कि जीएसपीसी को केजी बेसिन में 200 खरब घन फीट गैस का भंडार मिला है। हालांकि, असल में वहां केवल इसके 10वें हिस्से के बराबर गैस मिला। इस कारण जीएसपीसी का कर्ज एक साल पहले बढ़कर 19,716 करोड़ रुपये पर पहंुच चुका है।
इस पर उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि इस पर नोटिस से ही चर्चा संभव है। यदि नोटिस दिया गया है, तो सभापति जांच कर फैसला लेंगे। इसी के साथ उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय को बोलने की अनुमति दे दी। लेकिन कांग्रेस सदस्य अपनी बात पर अड़े रहे और वेल पहुंच कर सरकार के विरुद्ध नारे लगाने लगे। इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसी राज्य के बारे में कैग की रिपोर्ट पर उस राज्य की लोक लेखा समिति ही विचार करती है। उस पर इस संसद में चर्चा नहीं हो सकती। बाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने भी कांग्रेस पर अगस्ता से ध्यान भटकाने के लिए सदन में अप्रासंगिक मुद्दे उठाने का आरोप लगाया।
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