पांच वर्षो के दौरान हर पांचवें दिन पटरी से उतरी रेल
एक आरटीआइ के जवाब में रेलवे ने यह खुलासा किया है कि 2007 से 2012 के दौरान औसतन हर पांचवें दिन रेल पटरी से उतरी। आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल, 2007 से 31 मार्च, 2012 के बीच रेल के पटरियों से उतरने की इन घटनाओं में 115 लोग मारे गए और
नई दिल्ली। एक आरटीआइ के जवाब में रेलवे ने यह खुलासा किया है कि 2007 से 2012 के दौरान औसतन हर पांचवें दिन रेल पटरी से उतरी। आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल, 2007 से 31 मार्च, 2012 के बीच रेल के पटरियों से उतरने की इन घटनाओं में 115 लोग मारे गए और 800 लोग घायल हुए।
इन आंकड़ों पर रेलवे के जनसूचना अधिकारी की प्रतिक्रिया थी कि सुरक्षा रेलवे की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इसे लगातार बनाए रखने के प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि रेल के पटरी से उतरने की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
रेल के पटरी से उतरने की सबसे ज्यादा 100 घटनाएं 2007-2008 में हुईं। इन दुर्घटनाओं से रेलवे को आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान झेलना पड़ा है। दरअसल, किसी भी दुर्घटना में हताहतों को मुआवजा देने के बाद उस रूट पर रद होने वाली ट्रेनों से भी बड़ी संख्या में आर्थिक नुकसान होता है।
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