ट्रेडमार्क वाली पहली भारतीय बिल्डिंग मुंबई की ‘ताज पैलेस’
मुंबई की गगनचुंबी इमारत अब दुनिया के उन तमाम ट्रेडमार्क वाली संपत्तियों में शामिल हो गयी जिसमें न्यूयार्क की अंपायर स्टेट बिल्डिंग, पेरिस का इफिल टावर और सिडनी का ओपेरा हाउस है।
मुंबई (जेएनएन)। मुंबई के प्रसिद्ध ‘ताजमहल पैलेस’ को ट्रेडमार्क मिला है। इसके साथ ही 114 साल पुरानी यह बिल्डिंग ट्रेडमार्क पाने वाली देश की पहली बिल्डिंग बन गई है।
मुंबई की गगनचुंबी इमारत अब दुनिया के उन तमाम ट्रेडमार्क वाली संपत्तियों में शामिल हो गयी जिसमें न्यूयार्क की अंपायर स्टेट बिल्डिंग, पेरिस का इफिल टावर और सिडनी का ओपेरा हाउस है। आम तौर पर लोगो, ब्रांड नेम, रंगों की तालमेल, संख्या आदि ट्रेडमार्क होते हैं लेकिन 1999 में ट्रेडमार्क अधिनियम लागू होने के बाद से बिल्डिंग के डिजाइन के पंजीकरण का प्रयास कभी नहीं किया गया है।
ताजमहल पैलेस चलाने वाले इंडियन होटल्स कंपनी के जनरल काउंसल राजेंद्र मिश्रा ने बताया, ‘हमने यह बिल्डिंग की विशेषता बनाए रखने के लिए किया है। यह प्रॉपर्टी कंपनी की फ्लैगशिप है। कंपनी के रेवेन्यू में इसका 2391 करोड़ का हिस्सा है। गेटवे ऑफ इंडिया से भी पहले वर्ष 1903 में निर्मित ताजमहल पैलेस भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण त्रिकोणीय प्वाइंट है जो बंदरगाह की ओर रास्ता दिखाने में मदद करती है।
IHCL के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के फैमिली फर्म शापूरीजी पैलोनजी एंड कंपनी द्वारा निर्मित इस बिल्डिंग को प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अस्पताल में बदल दिया गया था। 2008 में आतंकी हमले के बाद धुएं की गुबार के बीच इस बिल्डिंग की इमेज मीडिया में वायरल हो गयी थी।
कंपनी को इस स्ट्रक्चर को रजिस्टर्ड कराने में सात माह का समय लगा। इस ट्रेडमार्क के बाद अब इस बिल्डिंग के इमेज को बगैर लाइसेंसिंग शुल्क के भुगतान के कॉमर्शियल कार्यों में उपयोग नहीं किया जा सकता है। अभी कुछ दुकानों पर होटल के फोटो के साथ फोटो फ्रेम और कफलिंक जैसे सामान बेचे जा रहे हैं। हाल ही में न्यूयॉर्क में एक ट्रेडमार्क वाली एम्पायर स्टेट बिल्डिंग की फोटो का इस्तेमाल एक आदमी ने बियर के लोगो के रूप में किया था जिसके बाद उस आदमी को कंपनी अदालत में खींच लाई थी।