जब SC के जज ने कहा, फेयरनेस क्रीम से गोरे नहीं हुए तो कोर्ट क्या करे?
मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने कहा कि अगर मशहूर कंपनी की क्रीम लगाने से आप गोरे नहीं हुए तो सुप्रीम कोर्ट क्या कर सकता है?
नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने कहा कि अगर मशहूर कंपनी की क्रीम लगाने से आप गोरे नहीं हुए तो सुप्रीम कोर्ट क्या कर सकता है? अगर हम ऐसी याचिकाएं सुनने लगे तो कल लोग ये कहते कोर्ट आ जाएंगे कि बाल उगाने वाले तेल से उनके बाल नहीं आए। हम ऐसे मामलों में गाइडलाइन जारी करने के लिए नहीं बैठे हैं। कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता ऐसे मामलों को लेकर कंज्यूमर कोर्ट लेकर जाएं।
मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने यह टिप्पणी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की गई थी कि कॉस्मेटिक्स सर्जरी और शरीर के अंगों को सुंदर बनाने का दावा करने वाले उत्पादों को लेकर न्यायालय कोई दिशा निर्देश जारी करे।
डॉक्टर चंद्र लेखा ने याचिका दाखिल कर कहा था कि बहुत सारी कंपनियां और अस्पताल लोगों को सुंदर बनाने का दावा कर उनसे पैसे ऐंठती है। यही नहीं अस्पतालों में कॉस्मैटिक सर्जरी के नाम पर लोगों को गुमराह किया जाता है। कंपनी अपने समान को बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापन देती है जिसके झांसे में लोग आ जाते हैं।
अस्पतालों में सर्जरी भी अच्छे डॉक्टर से नहीं की जाती और उपकरण भी घटिया होते हैं। मरीज की हालत खराब हो जाती है या फिर बस मुआवज़ा दे दिया जाता है। इस लिए इस मामले में एक ठोस कानून बनाए जाने की जरूरत है। अपील में उन्होंने मांग की थी कि कॉस्मेटिक्स सर्जरी व अंगों को सुंदर बनाने का दावा करने वाले प्रॉडक्ट्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइंस जारी करे।
गौरतलब है कि यह मामला चीफ जस्टिस एचएल दत्तू, जस्टिस शिवाकीर्ति सिंह और अमिताव रॉय की बेंच के पास गया था।
साभारः नई दुनिया
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